कविता

गणतंत्र दिवस

गणतंत्र दिवस आ गया, हर्षोल्लास हो गया,
चारों और धूम मची, हर गली में नारा गूंज गया।
प्रभात फेरी का दौर चला, हर भारतीय में जोश बढ़ा,
भारतीय संस्कृति की चुनर ओढ़, चल पड़े सब नर नारी,
तिरंगे की धूम मची, भारत माता की जय के नारे गूंजे,
गणतंत्र दिवस आ गया हर्षोल्लास छा गया।
नवपरिधान बसंती रंग का, भारत माता आयी हैं,
रंग-बिरंगे फूलों से, मां का आंचल सजाया है।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सबने शान बढ़ाया है,
वीरों ने इसकी रक्षा में अपना रक्त बहाया है,
आओ मिलकर हम तिरंगा फहरायें झूमें नाचें गाएं बजाएं,
गणतंत्र दिवस आ गया हर्षोल्लास छा गया।।
— गरिमा लखनवी

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384