होली में मिलते हैं
होली के दिन इस सब लोग ,
यहां रंगों से रंगीन मिलते हैं ।
वरना दूसरे दिन जिंदगी की ,
वजह से सब गमगीन मिलते हैं ।।
बे परवाही दिखती है हर शख्स ,
हर चेहरा की रंगों में डूबे खुशी से ।
किसी दूसरे दिन हर इंसान कुछ ,
अलग ख़्यालात जहीन मिलते हैं ।।
हरेक कसमों रस्मों को तोड़कर ,
अपनी हर दुनियादारी छोड़ कर ।
कई रंगों में रंगी अलग ही नए ,
रंग में ये रंगीले संगीन मिलते हैं ।।
जिसके बुलंद हो हौसले चाहे ही ,
एक कर दे जमीं आसमा चाहे ही ।
असलियत में इस इंसां के पांव से ,
जीवन जगजीत जमीन मिलते हैं ।।
अकेले हम ही शामिल नहीं ,
इस रंग में रंगीले अंदाज में ।
नजरें मिली तब मुस्कुराते हुए ,
हुस्न मोहल्ले से हसीन मिलते हैं ।।
जीवन रूपी रंगशाला आहुति ,
प्रेम की सप्रेम की इश्क मोहब्बत की ।
तेरा अर्पण और मेरा पूर्ण समर्पण ,
जिंदगी में जिंदादिल शौकीन मिलते हैं ।।
जरा सुनो जिंदगी तस्वीर भी है ,
तकदीर भी है फर्क रंगों का है ।
मनचाहा रंगों से बने तो तस्वीर ,
अंजाने रंगों से तो नसीब मिलते हैं ।।