कविता

गणतंत्र दिवस

जब देश हुआ आज़ाद
तब देश ने एक व्यवस्था बनाई,
प्रजा करेगी राज
प्रजा ही होगी व्यवस्थापक,
बात सब के मन को भाई,
संविधान की छांव में
सारे जन मन समताई।

भारत के हर कोने में,
झण्डारोहण होता,
प्रगति मार्ग पर बढ़े राष्ट्र हमारा,
सबके अंतर्मन में होता
हर वर्ष इस दिवस को
भारत देश गणतंत्र दिवस मनाता।
पर्व मनाते मिलकर जन जन
ये छब्बीस जनवरी कहलाता।
युवा, बुजुर्ग बच्चे हों या
माता बहन या हों बेटियां
सबके मन का एक ही विचार

सबको मान सम्मान मिले

और सभी को पूरा न्याय
खुशहाल हो हर भारतवासी
यही है भारतीय गणतंत्र का सार।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921