गीत/नवगीत

जीवन की कीमत पर देखो

सभी प्रेम के गाने गाकर, नफरत चहुँ ओर लुटाते हैं।
जीवन की कीमत पर देखो, धन और पद ये जुटाते हैं।।

संबन्धों के, भ्रम में, हम जीते।
सुधा के भ्रम, गरल हैं पीते।
कपट करें कंचन की खातिर,
खुद ही खुद को, लगाएं पलीते।
कंचन काया नष्ट करें नित, फिर कुछ कंचन पाते हैं।
जीवन की कीमत पर देखो, धन और पद ये जुटाते हैं।।

प्रेम नहीं कहीं हैं मिलता।
फटे हुए को है जग सिलता।
नवीनता का ढोंग कर रहे,
जमा रक्त है, नहीं पिघलता।
अपनत्व ही जाल बना अब, अपना कहकर खाते हैं।
जीवन की कीमत पर देखो, धन और पद ये जुटाते हैं।।

अपनों का हक मार रहे हैं।
संबन्ध इनकी ढाल रहे हैं।
स्वारथ पूरा करने को ही,
संबन्धों को साध रहे हैं।
अपना कह कर लूट रहे नित, अपना कह भरमाते हैं।
जीवन की कीमत पर देखो, धन और पद ये जुटाते हैं।।

डॉ. संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी

जवाहर नवोदय विद्यालय, मुरादाबाद , में प्राचार्य के रूप में कार्यरत। दस पुस्तकें प्रकाशित। rashtrapremi.com, www.rashtrapremi.in मेरी ई-बुक चिंता छोड़ो-सुख से नाता जोड़ो शिक्षक बनें-जग गढ़ें(करियर केन्द्रित मार्गदर्शिका) आधुनिक संदर्भ में(निबन्ध संग्रह) पापा, मैं तुम्हारे पास आऊंगा प्रेरणा से पराजिता तक(कहानी संग्रह) सफ़लता का राज़ समय की एजेंसी दोहा सहस्रावली(1111 दोहे) बता देंगे जमाने को(काव्य संग्रह) मौत से जिजीविषा तक(काव्य संग्रह) समर्पण(काव्य संग्रह)