राजनीति

सेवा, सुरक्षा, संस्कार – बजरंग दल

बजरंग दल की स्थापना 8 अक्टुबर 1984 को पावन नगरी अयोध्या में हुई थी। अवसर था ‘‘श्रीराम जानकी रथ यात्रा’’ रामजन्मभूमि आंदोलन हेतु हिन्दू समाज के जागरण के लिए यह यात्रा निकाली जा रही थी। जिसे अयोध्या से प्रस्थान के समय तत्कालीन मुलायम सरकार ने सुरक्षा देने से मना कर दिया।  उस समय संतो के आवाहन पर विश्व हिन्दू परिषद के नेतृत्व में वहां उपस्थिति हजारों की संख्या में युवाओं को यात्रा की सुरक्षा का दायित्व दिया। इस सुरक्षा वाहिनी को बजरंग वाहिनी कहा गया, जो आगे चलकर युवाओं का राष्ट्रवादी संगठन बजरंग दल बना। संतों ने आह्वान किया कि हम सभी जानते है कि प्रभु श्रीराम के रामकाज के लिए हनुमान सदा उपस्थित रहे है, उसी प्रकार आज के युग में श्रीराम के कार्य के लिए यह बजरंगियों की टोली ‘‘बजरंग दल’’ के रूप में कार्य करेगी। बजरंग दल का प्रादुर्भाव किसी के विरोध में नही बल्कि हिन्दूओं को चुनोती देने वाले असमाजिक तत्वों से रक्षा के लिये हुआ। धीरे धीरे सम्पूर्ण भारत देश के युवा राष्ट्र और धर्म के कार्य के लिये हिन्दू युवा जो दशकों से रामकाज व धर्म रक्षा को आतुर थे, जैसे ही अवसर आया सम्पूर्ण देश की राष्ट्रभक्ति तरूणाई बजरंगदल के रूप में प्रकट हो गयी। ” सेवा, सुरक्षा, संस्कार ” बजरंग दल का ध्येय वाक्य बना। इसके पश्चात बजरंग दल निरन्तर हिन्दू समाज की सेवा व सुरक्षा के हर कार्य अपनी जिम्मेदारी समझकर करने लगा।
जब श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के विभिन्न चरणों की घोषणा हुई तब बजरंग दल पर जन्मभूमि आंदोलन की बड़ी जिम्मेदारी थी, इसे बजरंग दल ने सफलता पूर्वक संपादित किया। सम्पूर्ण देश से कारसेवा के रूप में हिन्दू युवाओं का आह्वान करना, जिले में जगह जगह रैली निकालने का काम बजरंग दल के नेतृत्व में हजारों युवाओं ने किया। रामशिला पूजन को एक अभियान के रूप में जन जन तक पहुँचा कर रामजन्मभूमि आंदोलन को देशव्यापी आंदोलन बनाने में बजरंग दल की अग्रणी भूमिका रही। फिर चरण पादुका पूजन, राम ज्योति यात्रा, कारसेवा, से लेकर जन्मभूमि शिलान्यास तक जो जो कार्य बजरंग दल को मिले सभी निर्धारित रूप से सम्पन्न हुए।
30 अक्टूबर, 02 नवम्बर 1990 की कारसेवा में जब  हिन्दू युवाओं पर तत्कालीन सरकार के निर्देश पर अंधाधुंध गोलियां चलाई जाती है, हजारों की संख्या में कारसेवक मारे जाते है, यह भयावह दृश्य यह प्रकट करता है कि हिन्दू युवा हिन्दूमान विन्दुओं का अपमान नही सह सकता चाहे कितना भी बलिदान देना पड़े। अनेक बजरंगदल के कार्यकर्ताओं का बलिदान 1990 की कारसेवा में हुआ। लेकिन बजरंगदल अधिक प्रभावी और सक्रियता से आन्दोलन में भूमिका निर्वाह करने लगा।  इस दिवस को बजरंग दल हुतात्मा दिवस के रूप में पूरे देश में मनाता है, इस दिन रक्तदान करके हिन्दू युवा देश व समाज के प्रति संकल्पित होकर कार्य करने का संकल्प लेते है।  हर वर्ष इस दिवस में  हजारों यूनिट रक्त रक्त बैंक में जमा होता है,  बजंरग दलं ने सन 2014 में  केवल एक दिन में 82 हजार से अधिक यूनिट रक्तदान करके रिकॉर्ड भी बनाया है, आपदा में रक्तदान सेवा कार्य करने वाले इस सामाजिक संगठन में चलती है कई सामाजिक गतिविधियां।  युवाओं को मन्दिर से जोड़ने के लिए चलते है साप्ताहिक मिलन। जहां देवभक्ति के साथ देशभक्ति भी सिखाई जाती है।
शौय का प्रकटीकरण  1992 की कारसेवा में सम्पूर्ण हिन्दू समाज का आक्रोश प्रकट हुआ, और इतिहास बन गया। सम्पूर्ण देश का बजरंगदल पर विश्वास हो गया कि हिन्दू समाज व हिन्दू मान बिन्दुओं की रक्षा में बजरंगदल सक्षम है।
1993 में बजरंगदल का अखिल भारतीय संगठनात्मक स्वरूप तय हुआ। सभी प्रान्तों में बजरंगदल की इकाई घोषित हो गयी, आज देश भर में बजरंगदल  गौरक्षा, लव जिहाद के विरुद्ध, व धर्मान्तरण करने वालों के विरुद्ध हिन्दू जन मानस की रक्षा , हिन्दू मां बिंदुओं की रक्षा के लिए सक्रिय है।
हिन्दू धर्म, हिन्दू मानबिन्दुओं की रक्षा, शाश्वत हिन्दू जीवन मूल्यों का संरक्षण राष्ट्रीय सुरक्षा के उद्देश्य को लेकर एक सशक्त युवाओं की टोली बजरंगदल के रूप में कार्य कर रही है।
श्रीराम के कार्य के लिए जन्मे श्रीराम के कार्य में अवरत प्रयास रत है। ‘‘सेवा सुरक्षा संस्कार’’ के कार्य का आधार बना कर ‘‘जयकारा वीर बजरंगे-हर हर महादेव’’ उद्बोध के साथ बढ़ते जा रहे है।
संगठनात्मक गतिविधि
बजरंग दल अपनी संगठनात्मक गतिविधियों से करता है युवाओं का सही दिशा में मार्गदर्शन जिससे वे देश व समाज के एक अच्छे नागरिक बनकर समाज में अपनी भूमिका का निर्वहन कर सकें
साप्ताहिक मिलन केन्द्र : सप्ताह में एक दिन मंदिरों में एकत्रीकरण करके हिन्दू युवाओं में देश व धर्म का जागरण करते हुए, सेवा, सुरक्षा, संस्कार के भाव भरे जाते है।
बलोपसना केन्द्र : नशे से मुक्त व देशभक्ति से युक्त युवा के निर्माण। के लिए देश भर में बजरंग दल प्रत्येक छः माह में संस्कार सप्ताह के माध्यम से नशा मुक्त भारत बनाने के संकल्प के साथ युवाओं को महापुरुषों के मार्ग का अनुसरण करके देश व समाज के लिए जीने की प्रेरणा देता है।
हिन्दू उत्सव, महापुरूषों की जयन्ती : बजरंग दल के नेतृत्व में देशभर में हजारों स्थानों पर वाल्मीकि जयंती, बुद्ध जयंती, महावीर जयंती, अंबेडकर जयंती, महाराणा प्रताप जयंती, राम नवमी, हनुमान जयंती, आदि समस्त महापुरुषों की जन्मजयंती पर निकलने वाली यात्राओं का स्वागत बजरंग दल करता है, समाज में समरसता का भाव लाने व प्रत्येक कार्यकर्ता को हिन्दू हम सब एक भाव से प्रेरित करने के लिए समस्त हिन्दू उत्सवों व महापुरुषों की जयंती पर निकलने वाली शोभायात्रा का स्वागत बजरंग दल करता है।
अखिल भारतीय कार्यक्रम
अखण्ड भारत दिवस ( 14 अगस्त) : भारत जो एक समय अखण्ड रूप में था वही हमारी भारत माता है, इस विचार को देश के हर युवा तक पहुचाने के लिए बजरंग दल अखण्ड भारत संकल्प दिवस मनाता है, ताकि भारत देश के अब टुकड़े ना हो, और जो पूर्व में विभाजन हुआ उसे भी हम संयुक्त कर सकें।
हनुमान जयन्ती ( चैत पूर्णिमा) : बजरंग दल के इष्ट हनुमान जी महाराज है। पूरे देश में बजरंग दल हनुमान जी का जन्म उत्सव बलोपासना दिवस के रूप में मनाता है ताकि युवाओं में हनुमान जी की तरह बलिष्ठ बनने की प्रेरणा मिले।
हुतात्मा दिवस ( 30 अक्टूबर से 02 नवम्बर) : इस दिन पूरे देश में बजरंग दल रक्तदान करके व रक्त दानी कार्यकर्ताओं की सूची बनाकर समय समय पर समाज सेवा में रक्तदान करके समाज हित का एक परोपकारी कार्य करते है, जो सर्व वन्दित है। इतना समर्पण देने वाला बजरंग दल देश का प्रखर राष्टवादी संगठन है।
शौर्य दिवस ( 6 दिसम्बर) :  हिन्दू युवाओं के शौर्य प्रकटीकरण व श्री रामजन्मभूमि की मुक्ति के दिवस बाबरी ढांचे को ध्वस्त करने के दिवस को बजरंग दल पूरे देश में शौर्य दिवस के रूप में मनाता है।
साहसिक यात्रा (बूढ़ा अमरनाथ यात्रा सावन शुक्ल पक्ष) : कश्मीर घाटी के पूंछ जिले में स्थित तीर्थ स्थल बूढ़ा अमरनाथ को केंद्र बनाकर कश्मीर घाटी से पलायन करते हिन्दू समाज को रोकने का काम बजरंग दल ने किया है।  प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में हिन्दू समाज बूढ़ा अमरनाथ के साथ कश्मीर की यात्रा करके हिन्दू समाज के मनोबल को बढ़ाता है, जिसके कारण घाटी से पलायन रुका, साथ ही पलायन कर चुके परिवार अब वापस घाटी में आने लगे है। बजरंग दल ने इस यात्रा को साहसिक यात्रा नाम दिया है।
आंदोलनात्मक गतिविधि
लोकतांत्रिक व्यवस्था में जब तक निर्माण एवं मांगों को मानवाने हेतु आन्दोलन करने पड़ते है। समाज जागरण एवं आने वाली समस्यों के समाधान हेतु विभिन्न आन्दोलन की आवश्यकता होती है जैसे –
धार्मिक मंदिरो की सुरक्षा, बाबा अमरनाथ आंदोलन, रामसेतु आंदोलन, गौ रक्षा आंदोलन, आंतरिक सुरक्षा, हिन्दू मान बिन्दू पर आक्रमण अपमान पर आंदोलन
, अस्पृश्यता के विरुद्ध समाज का जागरण, सांस्कृतिक प्रदूषण को रोकना व समाज को जाग्रत करना, बाँग्लादेशी घुसपैठ के विरुद्ध संपूर्ण भारत में जागरण व चुनोतिपूर्ण स्थानों पर हिन्दू समाज की रक्षा का काम बजरंग दल करता है ।
रचनात्मक कार्य
दैवीय आपदा पर सहायता शिविर, दुर्घटना के समय सहायता के लिए बजरंगदल त्वरित सेवा के लिए पहुँचता है। भूकम्प, बाढ़ आदि में चिकित्सा, भोजन सहायता सामाग्री पहुँचाना तथा फँसे नागरिकों को सुरक्षित निकालना जैसे कार्य करना । रक्त दान – देश के सभी जिलों में हुतात्मा दिवस (30 अक्टूबर से 2 नवंबर) पर रक्तदान का कार्यक्रम आयोजित होता है। रक्तदान के साथ रक्तगट सूची भी बनायी गयी है। आवश्यकता के अनुसार रक्तदान करते ही रहते है। रक्त की कमी से भारत में कोई मृत्यु न हो सके इसी संकल्प के साथ 2014 में एक ही दिन 82000 यूनिट रक्तदान भी किया था। रक्तगट की सूची भी रखते है। मंदिर उत्सव मेला आदि में जल, सुरक्षा भण्डारा लंगर सेवा व्यवस्था पालन एवं प्रबन्धन के अनेक कार्य का समाज का विश्वास प्राप्त किया है। निःशुल्क फ्री कोचिग, स्वरोजगार ( डाइविग, इलैक्ट्रिशियन, मोटर मैकनिक का प्रशिक्षण)। बजरंग दल वर्ष में एक बार संस्कार सप्ताह के माध्यम से पूरे देश में वृक्षारोपण का काम करता है। साथ ही शमशान घाट, मंदिरों, नदियों की सफाई को भी संस्कार सप्ताह से जोड़कर हिन्दू युवाओं को सेवा कार्य से जोड़ता है बजरंग दल।
ऐसे राष्ट्रवादी देशभक्त संगठन बजरंग दल  की तुलना कांग्रेस पीएफआई जैसे आतंकी, जिहादी, सैकड़ों निर्दोषों के हत्यारे, राष्ट्र विरोधी, बम धमाके करने वाले संगठन से करती है तो इसे कांग्रेस का दिवालियापन ही कहा जायेगा। देश का हिन्दू समाज बजरंग दल के सेवा, सुरक्षा व संस्कार के समर्पित भाव से परिचित है, उसकी आस्था व विश्वास बजरंग दल में कितना है यह बात देश विरोधी भी जानते है, जब जब भी देश में हिन्दू समाज पर अत्याचार, मठ मंदिरों की समस्या, गौ तस्करी, लव जिहाद जैसी घटनाएं होती है तब हिन्दू समाज का सबसे विश्वसनीय संगठन बजरंग दल ही है। ऐसा बजरंग दल ने सिद्ध भी किया है, चाहे प्राकृतिक आपदा हो या अन्य कोई देशव्यापी समस्या बजंरग दलं ने उसे दी गई जिम्मेदारी को अक्षरशः पूर्ण किया है। इसलिए कहा गया है देश का बल, बजरंग दल।
— मंगलेश सोनी

*मंगलेश सोनी

युवा लेखक व स्वतंत्र टिप्पणीकार मनावर जिला धार, मध्यप्रदेश