कविता

कविता – माँ की सीख

तड़प उठती है माँ
सुन बच्चे की चीख ।
सीने से लगाकर माँ
जीने की देती सीख ।।
वो माँ ही तो होती है
जो पूरी  करती जिद ।
बच्चों के खातिर माँ
जाती मंदिर-मस्जिद ।।
सदा दुआएं देती माँ
बेटा खूब पढ़ लिख ।
सुपथ पर चलना तू
महापुरुषों  से सीख ।
— गोपाल कौशल  ‘भोजवाल’

गोपाल कौशल "भोजवाल"

नागदा जिला धार मध्यप्रदेश 99814-67300