सामाजिक

नया बाजार लाईक, कमेंट लाओ इनाम पाओ, शोषण करवाओ

आप सभी सोच में पड़ गए होंगे कि अरे ये कौन सा बाज़ार है और ये बाज़ार कहां है , जहां सिर्फ लाईक और कमेंट लाना है सभी से दुकान के लिए और इनाम पाना है । अरे वाह सभी सोचे ये तो बहुत ही आसान काम है इनाम पाने का । अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा बाजार कहां है ? हमनें तो देखा ही नहीं और सुना भी नहीं एसी दुकान या बाजारों के बारे मे । फिर ये वीना किस बाजार की बात कर रही । अरे इतना ना सोचो भाई । चलो वीना आपके मन मे उठे भूचाल से भरे , लालच से भरे , आतुर हो रहे जो उनके प्रश्नों का उत्तर देती हूं । वो बाज़ार ओर कहीं नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर ही है । जी हां आप सभी सोच रहे ना कैसे ? तो सुनिए , ये बाज़ार है सोशल मीडिया के अंतर्गत विभिन्न लोगों कि व्यक्तिगत वेबसाइट , यूट्यूब चैनल , फेसबुक पेज़ , इंस्टाग्राम वगैरह-वगैरह । इन बाजारों के दुकान के मालिकों द्वारा आए दिन कोई ना कोई प्रतियोगिता रखी जाती है जैसे की लेखक , विडियो काव्य प्रतियोगिता , नृत्य प्रतियोगिता वगैरह । अब इस प्रतियोगिता के लिए ग्राहक कहां से लाएं , तो ग्राहक को फसाने का का सबसे अच्छा जो एप है वो है वाट्स अप जहां पर हर कोई ऐरा-गैरा नत्थू खैरा वाट्स अप पर बहुत ही आसान तरीके से ग्रुप बनाते , लोगों को जोड़ते और प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए ईनाम नाम के लालच का दाना फैंक जाल बिछाते , जैसे ही कोई लालची ग्राहक आता उसे दबोच लेते और शुरू हो जाता यहां से ग्राहक का शोषण । जी हां हे ना वाट्स अप सबसे सरल एप जहां ग्राहक फट से फंसते हैं । दुकान के मालिक द्वारा निकाली गई प्रतियोगिता के अंतर्गत सबको क्या करना होता है अब आप पढ़ियेगा और सोचियेगा वीना कड़वा लिखती पर सच लिखती । प्रतियोगिता के अंतर्गत जो भी प्रतियोगिता है जैसे विडियो कविता पढ़ते बोलना , या नृत्य या दूसरी तरह की प्रतियोगिता जिसके अंतर्गत आप वैसा ही करना जैसा मालिक ने आदेश दिया , अब आपने वैसा कर दिया , अब यहां से आपका शोषण शुरू आप सभी के भेजें विडियो वगैरह की ये अपनी दुकान से एक लिंक(रसीद) बना कर दे देते , अब आप सभी को रसीद लिंक सभी के पास लेकर जानी है और उस पर लाईक , कमेंट मांग-मांग कर लाना है उफ्फ आप सौ लोगों के पास गये तब जाकर दस लोगों ने आपको लाईक-कमेंट दिये । आप बहुत विनती करते रहते बार बार आग्रह कर अपना ही वजूद कम करते किसी दूसरे की दुकान चलाने के लिए मात्र लालच के चक्कर में। हुआ ना आपका शोषण ।  जो सबसे ज्यादा लाईक वोट लाता मालिक के लिए उसे तो मान लो दस हजार रूपये मिले और उसने इनाम के नाम पर आपको दिये 501/ रूपये या इससे भी कम या आजकल तो सोशल मीडिया पर ही ई-सर्टिफिकेट की धूम मची है वहीं थमा देते प्रथम , द्वितीय, तृतीय लिख कर आप भी खुश अपने हाथ से अपना वजूद गिराकर , शोषण करवाकर और दुकान का मालिक तो आप से भी अधिक लाख गुना खुश की वो आप सभी को बेवकूफ बना दस हजार का मालिक बन गया । अब सोचना , समझना आपको है मुझे नहीं । अपना शोषण नहीं करने दें किसी को भी , आप जो प्रतियोगिता के नाम पर लाईक कमेंट मांगते फिरते हैं ना सोशल मीडिया के जरिए लोगों से लोग इसमें आपके मुंह पर तो वाहवाही करते पर पीठ पीछे आपको नीचा दिखाने मे चूकते नहीं , प्रतियोगिता में भाग लें जरूर लें आप विजयी भी होऐं , परंतु इस तरह की लाइक और कमेंट वाली प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपना शोषण न करें। शेष शुभ ।
— वीना आडवाणी तन्वी

वीना आडवाणी तन्वी

गृहिणी साझा पुस्तक..Parents our life Memory लाकडाऊन के सकारात्मक प्रभाव दर्द-ए शायरा अवार्ड महफिल के सितारे त्रिवेणी काव्य शायरा अवार्ड प्रादेशिक समाचार पत्र 2020 का व्दितीय अवार्ड सर्वश्रेष्ठ रचनाकार अवार्ड भारतीय अखिल साहित्यिक हिन्दी संस्था मे हो रही प्रतियोगिता मे लगातार सात बार प्रथम स्थान प्राप्त।। आदि कई उपलबधियों से सम्मानित