कविता

आभासी मित्रता

मित्रता और आभासी मित्रता में
बहुत अंतर नहीं होता
क्योंकि मित्रता में पारदर्शिता
और विश्वास का बड़ा महत्व होता है।
आज के आधुनिक युग में
जब लोगों के पास समय का अभाव बढ़ रहा है,
आभासी दुनिया में हमारा
अधिकाधिक समय गुजरता है
आभासी दुनिया के लोगों से
हमारा रिश्ता बढ़ता है,
तब स्वाभाविक है मित्रता होना
या और भी  सामाजिक रिश्ता जुड़ना।
वास्तविक दुनिया में जो हमें मिलता है
या जो हम मित्र को सौंपते हैं।
आभासी दुनिया में भी ऐसा हीहमें मिलता है।
खट्टे मीठे अनुभवों से आभासी मित्रता में भी
दो चार होना ही पड़ता है।
कभी बहुत अच्छा तो कभी
बहुत कटु अनुभव होता है,
तो कभी जो ख्वाब में नहीं होता
वो आभासी मित्रता में भी मिल जाता है
अटूट रिश्ता बन जाता है,
आभासी मित्रता भी हमारे जीवन की
धारा बदलकर रख देता है
तो कभी जीवन भर के लिए टीस दे जाता है।
कुछ वैसा ही जैसे हमारे जीवन में
जैसा वास्तविक मित्र से मिलता है
आभासी मित्रता को नकार भी नहीं सकते
हर किसी की मित्रता स्वीकार भी नहीं कर सकते
क्योंकि हम ईमानदारी से
मित्रता के मापदंडों पर
हर किसी के साथ खरा जो नहीं उतर सकते,
अपनी सुविधा और सहजता से ही
हम आभासी मित्रता निभाते।

 

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921