इक-दूजे के हो जाएं
दिल,
मेरे दिल,
कितने खूबसूरत हो तुम!
दिखते छोटे-से हो,
पर समाया है तुम में,
गगन विशाल,
तारों का थाल,
धरती-सा धैर्य,
सागर-सी गहराई!
फूलों-से कोमल भी हो,
पत्थर-से कठोर भी,
रबर जैसे लचीले भी हो,
पर्वत-से अटल भी!
अफसानों के समंदर हो,
कभी मजनू हो,
कभी सिकंदर हो!
चलो आज मिलके बैठें,
दिल खोलकर बातें करें,
मन की गांठें खोलें,
कुछ तुम बोलो कुछ हम बोलें,
झूमें-नाचें-गाएं,
इक-दूजे में खो जाएं,
इक-दूजे के हो जाएं,