योग अपनाएं, दुर्योग- वियोग से बचें-बचाएं
पूरी दुनिया के लिए आज का दिन गौरव और गर्व करने के लिए हैं क्यांकि सदियों तक विश्वगुरु रहते हुए भारत ने जो कुछ ज्ञान दिया है उसमें सेहत को बनाए रखने तथा सेहत रक्षा के लिए दिया गया ज्ञान अहम् रहा है।
दुर्भाग्य से पाश्चात्य अप संस्कृति और विभिन्न तरह के मानसिक और दैहिक प्रदूषणों की वजह से हम भारतीय सेहत रक्षा के परंपरागत तौर-तरीकों को भूल कर उन पद्धतियों को अंगीकार कर चुके हैं जो कि हमारे लिए सर्वथा आत्मघाती रहे हैं और इसका बुरा असर हमारी पुरानी पीढ़ियों ने भी भुगता है और हम लोग तो भुगत ही रहे हैं।
आने वाली कई पीढ़ियाँ भी इस पाश्चात्य प्रदूषण की शिकार होंगी ही। हमारा सौभाग्य कहें या दैव संयोग कि हिन्दुस्तान को श्री नरेन्द्र मोदी जैसा दिव्य और तेजस्वी आभामण्डल से भरपूर प्रधानमंत्री मिला है जिनके कारण से आज दुनिया भर के कोने-कोने तक भारतीय आभा की चमक-दमक का दिग्दर्शन पूरे उत्कर्ष पर है।
आज हम जिस अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस को मना रहे हैं वह प्रधानमंत्री की ही देन है जिसकी वजह से पूरी दुनिया भारतीय योग को अपना चुकी है और 21 जून का दिन विश्व भर के लिए अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में पूरे गौरव और गरिमा के साथ मनाया जा रहा है।
अपनी योग पद्धति के प्रति हमारी अपनी रुचि और आत्मीय लगाव का होना जरूरी है। हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम योग दिवस के आयोजनों में अपनी समर्पित भागीदारी अदा करें और योग के प्रचार-प्रसार में अपनी अहम् भूमिका अदा करें।
सभी लोगों को यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि जो लोग योग से दूर भाग रहे हैं वे लोग जीवन के सुकूनदायी संयोग से वंचित रह जाते हैं और उनके लिए वियोग तथा दुर्योग की भूमिकाएं बनी रहती हैं।
बात चाहे मानसिक स्वास्थ्य की हो या फिर शारीरिक स्वास्थ्य की, हर मामले में योग का विशेष महत्त्व है और जो लोग योग में विश्वास रखते हैं, योग को अपनाते हैं वे स्वस्थ रहते हैं। उन्हीं के जीवन में आरोग्य के साथ मानसिक शान्ति और सुकून का संयोग बना रह सकता है। यह योग ही है जिसके कारण से हम स्वस्थ और मस्त बने रह सकते हैं।
दुनिया आज दवाइयों, जांचों और तरह-तरह की बीमारियों पर पैसा खर्च कर रही है लेकिन इनसे मुक्त रहने के उपायों के प्रति सजग नहीं है और हम सभी लोग जानते-बूझते हुए भी उस परंपरागत योग को अपनाने से बचते रहें तो दोष किसी और का नहीं है, हमारा ही है।
दुनिया के दूसरे मुल्कों से इस बात को देखने और सीखने की आवश्यकता है कि जो अच्छा और खरा है, परखा हुआ है उसे अपनाने में पीछे नहीं रहें, आगे बढ़कर अपनाएं।
आज का दिन हम सभी धरतीवासियों के लिए बड़े महत्त्व का है। आईये योग को अपनाएं, अपनी भागीदारी बढ़ाएं और गर्व करें कि हम भारतीय हैं जिनके योग को आज दुनिया के लोग कर रहे हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
— डॉ. दीपक आचार्य