कविता

विश्वास

मन में हो आत्मविश्वास,

चाहें हो कितना भी अंधकार |

पथरीली राहों पर चलकर,

मंजिल को पाना चाहिए ||  

जीवन में सुख दुख आते ,

मगर उनसे घबराना नहीं चाहिये |

परिस्थिति बदलेगी जरूर,

यह विश्वास रखना चाहिए ||

मन में हो सपना पूरी करने चाह,

राह अपनी बनती चली जाती |

पथ पर अगर हो अंधकार,

प्रकाश के लिए दीप जलाना चाहिए ||

बहन ,बेटी पर दहेज के लिये,

हो रहे अत्याचार के खिलाफ |

नारी के अधिकारों के लिये ,

सबको आवाज उठानी चाहिए ||

जिस देश में हमने जन्म लिया,

देश का कर्ज चुकाना चाहिए ,

दुश्मन देखे हमारे देश की तरफ |

देश से बाहर निकाल देना चाहिए ।

— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश