कविता

चांद पर तिरंगा फहरायें

आओ आगे बढ़कर देश वासियों,

 हम  शान    से   तिरंगा  लहराये।

धरती  से  ऊपर  आसमान  तक,

चलो चांद पर हम तिरंगा फहराये।।

चमकेगा चांद पर  अपना  झण्डा,

गाड़   के  बैठेंगें   झंडे  का   डंडा।

चंद्रयान का सब मिल गान  करंगे,

गूँजेगा विश्व  में  भारत  का  डंका।।

कण कण कंठ में बसा लो तिरंगा,

मन निर्मल करलो बन पावन गंगा।

प्रेम रहे सबको मातृभूमि से हरदम,

मातृभूमि माँ भारती माँ  सा अम्बा।।

द्वेष मन में रख मन को न बहकाये,

हल कर सबके मन को  हम हर्षाये।

धरती   से  ऊपर   आसमान   तक,

चलो चांद पर  हम  तिरंगा  फहराये।।

— सोमेश देवांगन

सोमेश देवांगन

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