कविता

मुश्किल

मुश्किल से तुम आए हो
मुश्किल से हम आए हैं
मोहब्बत नहीं है दो तरफा
फिर भी हम
इश्क अपना आजमाएंगे।

मुश्किल से रास्ता मिला है
मुश्किल से सफर शुरू किया है
हमसफर नहीं है कोई
फिर भी हम
जुनून अपना आजमाएंगे।

मुश्किल से ख्वाब संजोय है
मुश्किल से अधिकारों के लिए जागे है
साथ नहीं देता कोई
फिर भी हम
कर्तव्यनिष्ठा अपनी आजमाएंगे।

मुश्किल से जीतना सीखा है
मुश्किल से हारकर सबक लेना सीखा है
मार्ग नहीं दिखता कोई
फिर भी हम
स्वयं को मार्गद्रष्टा बन आजमायेंगे।

— डॉ.राजीव डोगरा

*डॉ. राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा कांगड़ा हिमाचल प्रदेश Email- [email protected] M- 9876777233