सामाजिक

सीमा_मर्यादा_अतिक्रमण

बात अगर असीमित और अनंत की करें तो हमारी धरती माता और गगन के अलावा, कुछ भी असीमित और अनंत नहीं| बाकी सभी की कुछ मर्यादाएं और कुछ सीमाएं होती हैं| किंतु जब इन सीमाओं का और मर्यादाओं का उल्लंघन होता है, तो नियति अपने हिसाब से जवाब देती है|चाहे वह प्रकृति के साथ अन्याय हो या रिश्तो का बंटाधार|अगर सोशल मीडिया की ही हम बात कहें तो यहां भी सीमाएं अति आवश्यक है, मर्यादा अति अनिवार्य है| हम आज एक दूसरे को काफी जानने लगे हैं|फेसबुक इंस्टाग्राम के द्वारा रील बनाते हैं, कविता, गजल, कलाकृति चित्रकारी, ये कलाएं जो हमारे अंदर निहित हैं, उन्हें हम इंस्टाग्राम और फेसबुक के माध्यम से प्रदर्शित और प्रकाशित करते हैं| सबकी प्रतिक्रिया भी मिलती है, इन्हीं प्रतिक्रियाओं से या तो रिश्ते बनते हैं या फिर बिगड़ते हैं| जहां भी जब भी अतिक्रमण होता तो  बांध टूटते ही है फिर कटुता से, रोष  से, दुखी होकर हम उनसे किनारे कर लेते हैं| कोई भी रचनाकार है, चाहे वह चित्रकार है वह अपने  अनुभव अपनी भावनाओं को अपने  हुनर को विभिन्न प्लेटफार्म उकेरता  है, और यह जरूरी ही नहीं कि वह जो भी प्रकाशित कर रहा है वह  भुक्त भोगी  हो उसके स्वयं पर बिता हो| श्रृंगार रस में संयोग वियोग की रचना लिखी जाती है इसका मतलब यह नहीं कि उसके स्वयं के जीवन में वह घटना घटित हुई हो| लोग किन्नर पर, निर्भया पर, बाल विवाह पर, गणिका  पर, अविवाहित पर, विधुर पर विधवा पे लिखते हैं, इसका मतलब उन सारे पात्रों का वो किरदार है?  उसे पढ़कर बहुत लोग रिलेट करते हैं अपने आप से , उन्हें लगता है कि वह उनके ऊपर की लिखी हुई है और उन्हें अच्छा लगता है कि उनकी भावनाओं को उजागर किया गया है| कहने का तात्पर्य यह है कि हम सीमा और मर्यादा की बात कर रहे हैं इसका मतलब प्रतिक्रियाओं से भी है अजीब अजीब प्रतीकात्मक जवाब आता है अगर जो सिम्ब्ल आप दे रहें है उसे लिखकर देखेंगे तो स्वयं असहज अनुभव होगा, ये भी अमर्यादित है, साथ ही  साथ समय का उल्लंघन भी एक मर्यादा रहित बातें हीं है जिन्हें ये सहज सरल लगता है उनके लिए नहीं है ये | रात को  अचानक ट्रिंग ट्रिंग नोटिफिकेशन की आवाज या मैसेंजर पर कॉल चाहे रात की 1:30 बजे हो 2:00 बजे हो|अभी तक आप जगी हैं, सोई नहीं है, आप क्या करती हैं, आपके घर में कौन-कौन है, कितने बच्चे हैं, पति क्या करते हैं, इतना सवाल जवाब किस लिए भई|वह खुद के लिए जगी  है, उसकी अपनी इच्छा है, आप इतना पूछते क्यों हैं, यह सवाल तो आप खुद से पूछे कि आप इतने बजे जगकर  किसी को मैसेज क्यों कर रहे हैं, आपकी अपनी कुछ जिम्मेदारी है कि नहीं आप उसे निभाए ना| किसी के बारे में इतनी जानने की अभिलाषा क्यों है? आप शादीशुदा हैं घर में कौन है वगैरा-वगैरा यह किसी वर्ग विशेष के लिए नहीं लिखा गया है यह हर किसी के लिए चाहे वह स्त्री हो चाहे पुरुष हो चाहे बच्चे हो चाहे जो भी हो| सीमा में और मर्यादा में सभी को रहने की आवश्यकता है| आज सोशल मीडिया इंसान को काफी करीब ला दिया है,तो क्यों ना हम इस रिश्ते को मिठास से संजोये| ऐसा नहीं करें कि लोग उसे इग्नोर करना शुरू करें|सोशल मीडिया के द्वारा  अनजानो से पहचान हुई,फिर आभासी दुनिया से व्यक्तिगत रूप से मंचों पर भी मिले, गले लगे,  उपहार भी पाए और उनसे अलग होने पर आंखें भी नम हुईं| यह सारी चीजें  अविस्मरणीय है| यह पहचान मर्यादित रहे सम्मानित रहे तो आजीवन मिठास रहेगी| मेरे सभी शुभचिंतकों का  जिनसे मिले तो नहीं है लेकिन एक दूसरे की हृदय में इज्जत है, प्यार है, सम्मान है, आदर है, उन सब को सहृदय प्रणाम, प्यार, आशीर्वाद|
ईश्वर के  हम सदा आभारी हैं इतने लोगों से मिलाने के लिए, इतने लोगों के  दिल में जगह बनाने के लिए| पहले हम सुनते थे नोकिया कनेक्टिंग पीपल, लेकिन आज  फेसबुक, इंस्टाग्राम यह सारे कनेक्टिंग पीपल हैं| सभी को धन्यवाद यह किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं है, यह हम पर भी लागू होता है आप पर भी लागू होता है,तो इसे अपने ऊपर लेने की आवश्यकता नहीं हैं|
स्वस्थ रहें मस्त रहें|

— सविता सिंह मीरा

सविता सिंह 'मीरा'

जन्म तिथि -23 सितंबर शिक्षा- स्नातकोत्तर साहित्यिक गतिविधियां - विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित व्यवसाय - निजी संस्थान में कार्यरत झारखंड जमशेदपुर संपर्क संख्या - 9430776517 ई - मेल - [email protected]