गीत/नवगीत

पी से अनुराग होने लगा

पी से अनुराग होने लगा

धड़कन में राग होने लगा

बिन सावन बिन चैत सखी

जीवन में फाग होने लगा

ओ मेघदूत तू कल आना

पी का सन्देस दे जाना

ये रात विरह की कटे नहीं

क्यों वीतराग होने लगा 

पी से अनुराग होने लगा

कजरा आंज लिया नैनन

होंठ बसे सब ही बैनन

बात कही न जाये मोसे

निसदिन लाग होने लगा

पी से अनुराग होने लगा

मन मयूर नित नृत्य करे

प्रतिक्षण नवीन कृत्य करे

कुछ मैं जानूँ कुछ ना जानूँ

हाँ! बस बड़भाग होने लगा

पी से अनुराग होने लगा

— प्रियंका अग्निहोत्री “गीत”

प्रियंका अग्निहोत्री 'गीत'

पुत्री श्रीमती पुष्पा अवस्थी