राजनीति

कल्कि धाम का सनातन सुशासन का संदेश

कल्कि धाम में भव्य मन्दिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, योगी ने शिलान्यास किया.इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,आचार्य प्रमोद कृष्णन अनेक धर्माचार्य उपस्थित रहे. प्रमोद कृष्णन ने बताया कि अठारह वर्ष पहले प्रदेश की सरकार ने मन्दिर निर्माण के शिलान्यास को रोक दिया था. उसका कहना था कि इससे शांति व्यवस्था भंग होने की आशंका रहेगी. इसी तथ्य पर वर्तमान और आज के विपक्षी गठबंधन की तुलना भी हो गई. अपने को सेक्युलर बताने वाले दल सनातन आस्था के विरोधी रहे हैं. उन्होंने अस्था के स्थलों के निर्माण को तो रोक दिया. लेकिन विकास और शांति व्यवस्था को सुदृढ़ नहीं कर सके. जबकि वर्तमान केंद्र सरकार सनातन अस्था के पुनर्जागरण के साथ ही कानून व्यवस्था को बनाय रखने और विकास के अभूतपूर्व कार्य कर रही है. नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ ने तथ्यों के साथ इस गौरव यात्रा को रेखांकित किया.
नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह भारत के सांस्कृतिक नवजागरण का एक और अद्भुत क्षण है। जो कल्पना से भी परे था अब वह हकीकत बन चुका है. अयोध्या धाम में श्री राम मन्दिर और
अरब की धरती पर अबू धाबी में पहले विराट मंदिर के लोकार्पण इसका प्रमाण है. अब कल्कि धाम में भव्य मन्दिर का निर्माण शुरू हो रहा है. उत्तर प्रदेश की धरती, प्रभु श्रीराम तथा श्रीकृष्ण की भूमि से भक्ति, भाव और अध्यात्म की एक और धारा प्रवाहित हो रही है.
देश में जो सांस्कृतिक पुनरोदय देख रहे हैं तथा अपनी पहचान पर जो गर्व दिख रहा है, वह प्रेरणा हमें छत्रपति शिवाजी महाराज से ही मिलती है। इस वर्ष बाइस जनवरी से नए कालचक्र की शुरुआत हो चुकी है। रामराज का प्रभाव हजारों वर्षों तक रहा। उसी तरह श्रीरामलला के विराजमान होने से अगले हजार वर्षों तक भारत के लिए एक नई यात्रा का शुभारम्भ हो रहा है। अमृतकाल में राष्ट्र निर्माण के लिए पूरी सहस्र शताब्दी का यह संकल्प है. इसी कालखण्ड में देश ने विश्वनाथ धाम के वैभव को काशी की धरती पर निखरते तथा काशी का कायाकल्प होते हुए देखा है। इसी दौर में महाकाल के महालोक की महिमा,सोमनाथ का विकास तथा केदार घाटी का पुनर्निर्माण देखा है। हम ‘विकास भी, विरासत भी’ इस मंत्र को आत्मसात करते हुए चल रहे हैं। एक ओर हमारे तीर्थों का विकास हो रहा है, तो दूसरी ओर शहरों में हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार हो रहा है।
तीर्थों का विकास हो रहा है, तो दूसरी ओर शहरों में हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार हो रहा है। आज अगर मंदिर बन रहे हैं तो देश भर में नए मेडिकल कॉलेज भी बन रहे हैं। विदेशों से हमारी प्राचीन मूर्तियां भी वापस लाई जा रही हैं। रिकॉर्ड संख्या में विदेशी निवेश भी आ रहा है। यह परिवर्तन इस बात का प्रमाण है कि समय का चक्र घूम चुका है।पहली बार भारत को टेक्नोलॉजी और डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में संभावनाओं के केंद्र के रूप में देखा जा रहा है। हमारी पहचान इनोवेशन हब के तौर पर हो रही है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जैसे बड़े मुकाम पर पहुंचे हैं। चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव तक पहुंचने वाले पहले देश बने हैं। भारत में वन्देभारत और नमो भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें चल रही हैं। भारत में बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी हो रही है। हाइटेक हाईवेज, एक्सप्रेसवेज का इतना बड़ा नेटवर्क और उसकी ताकत देश के पास है।
वर्षों में किए गए कार्यों का विस्तार देखिए। चार करोड़ से ज्यादा लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत पक्के घर, ग्यारह करोड़ परिवारों को शौचालय अर्थात इज्जतघर,ढाई
करोड़ परिवारों को घर में बिजली,दस करोड़ से अधिक परिवारों को पानी के कनेक्शन,अस्सी करोड़ लोगों को मुफ्त राशन, दस करोड़ महिलाओं को कम कीमत पर गैस सिलेण्डर,पचास करोड़ लोगों को स्वस्थ जीवन के लिए आयुष्मान कार्ड, करीब दस करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि, कोरोना काल में हर देशवासी को मुफ्त वैक्सीन, स्वच्छ भारत जैसा बड़ा अभियान सम्पन्न किया गया. यह विकसित भारत का निर्माण और अपनी विरासत पर गर्व का दौर है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सभी ने विगत दस वर्षों में नए भारत का दर्शन किया है। इस नए भारत में प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा, राष्ट्र को समृद्धि के नए सोपान तक पहुंचाने का संकल्प, युवाओं की आजीविका की व्यवस्था तथा आस्था का सम्मान हो रहा है। काशी में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का निर्माण, अयोध्या धाम में प्रभु श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा, केदारपुरी व बद्रीनाथ धाम के पुनरुद्धार का कार्य, महाकाल में महालोक की स्थापना आदि कार्य उस नए भारत की तस्वीर प्रस्तुत करते हैं, जिसमें आजीविका तथा आस्था की गारन्टी है। यही मोदी की गारन्टी है। भारत की आस्था से खिलवाड़ करने वाले न आजीविका दे पाए, न ही भारत की आस्था को सम्मान दे पाए।
दुनिया के दो सौ से अधिक देशों ने भारत की ऋषि परम्परा के योग को अपनाया है. यूनेस्को द्वारा प्रयागराज कुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है। अबूधाबी में हिन्दू मन्दिर होने की कल्पना साकार हो चुकी है। सम्भल में खेती किसानी के साथ ही क्षेत्र के विकास तथा यहां की कारीगरी व हस्तशिल्प को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। काॅमन फैसिलिटेशन सेंटर बनाकर बटन बनाने की परम्परागत व्यवस्था को नई तकनीक के साथ जोड़ा गया है। ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ तथा ‘पी0एम0 विश्वकर्मा योजना’ के माध्यम से यह परम्परा वैश्विक मंच पर चीन को प्रतिस्पर्धा दे रही है।
गंगा एक्सप्रेस-वे पूरी मजबूती के साथ बन रहा है। यहां पर औद्योगिक क्लस्टर भी विकसित होने जा रहा है। अगले वर्ष प्रयागराज महाकुम्भ के समय गंगा एक्सप्रेस-वे से पश्चिमी उत्तर प्रदेश व देश के अन्य भागों से लोग प्रयागराज पहुंचें। प्रयागराज की दूरी न्यूनतम करने की दिशा में गंगा एक्सप्रेसवे के रूप में यह नया प्रयास किया रहा है। देश में अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर, जनपद मुरादाबाद में बहुत शीघ्र प्रारम्भ होने वाले एयरपोर्ट, हस्तशिल्पियों और कारीगरों के सम्मान, युवाओं के रोजगार, किसानों की आमदनी कई गुना बढ़ाकर उनके जीवन में परिवर्तन करना आदि सभी कार्य नए भारत की नई पहचान बन रहे हैं।

— डॉ दिलीप अग्निहोत्री

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

लखनऊ मो.- 9450126141