गीत/नवगीत

प्रीत मीत की बड़ी निराली

प्रीत मीत की बड़ी निराली,

रीत यार की है दिल वाली।।

करलो यार  प्रेम  की  पूजा,

ये ही स्वर्ग  दिलाने  वाली।।

जब भी मिलो प्रेमाश्रु भर कर,

हृदय  चुरा लो  बाते  कर  कर।

दुनिया  से  न्यारा  वो  लगता,

प्रीत  जिसकी   है   मतवाली।। प्रीत मीत 

राधा  जी  सी  प्रीत  करे  जो,

मीरा  जी   से  गीत  रचे   जो।

सपने  में   ज्यों   ब्याह   रचाए,

कृष्ण  में   लीन  होने    वाली।। प्रीत मीत

दीन  के  मित्र बने  थे  कन्हाई ,

विप्र सुदामा  की  बात  बनाई।

बिना शस्त्र भारत  लड़  बैठ्यो,

वसुधा  किन्ही   दुष्टन  खाली।। प्रीत मीत

— डॉ. शिवदत्त शर्मा “शिव”

डॉ. शिवदत्त शर्मा

शिक्षा B.A.M.S. आयुर्वेद स्नातक 1972 जन्म 1950 50 वर्षो से साहित्य सेवारत गीत,ग़ज़ल,गद्य-पद्य लेखन अनेको देश-विदेश के पत्र-पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशन मंचीय कवि अनेको संस्थाओं द्वारा सम्मानित। आकशवाणी एवं दूरदर्शन से अनेको कार्यक्रम प्रसारित। स्वयम के फेसबुक पेज़ और यू-ट्यूब चेनल साप्ताहिक ऑन लाइन कर्यक्रम की अनवरत प्रस्तुति। अनेको नवोदित साहित्यकारों का मार्गदर्शन एवम ऑनलाइन काव्य पाठ का अवसर प्रदान कर उनमें आत्मविश्वास भरना। पता:-- शशि क्लीनिक C-240 मुरलीपुरा स्कीम जयपुर राजस्थान 302039 मोबाइल 9829640001