मुक्तक
अपने को मजबूत बनाओ ,समझो दुनियादारी।
पता नहीं कब पड़े खेलनी,कहाँ,कौन-सी पारी।
अगर प्रेम से सारे मुद्दे, दुनिया में हल होते,
वंशी वाला कभी न बनता ,चक्र-सुदर्शन धारी।।
-डाॅ बिपिन पाण्डेय
अपने को मजबूत बनाओ ,समझो दुनियादारी।
पता नहीं कब पड़े खेलनी,कहाँ,कौन-सी पारी।
अगर प्रेम से सारे मुद्दे, दुनिया में हल होते,
वंशी वाला कभी न बनता ,चक्र-सुदर्शन धारी।।
-डाॅ बिपिन पाण्डेय