गीत – चल जाएगा
भैंस बराबर काला अक्षर चल जाएगा।
चपरासी हो पढ़ा लिखा ही बहुत जरूरी।
डिग्रीधारी को चुन पाना है मजबूरी।।
धीरे -धीरे हर साँचे में ढल जाएगा।
नेताजी तो बिना पढ़े ही पाठ पढ़ाते।
संसद में जिनको जाना पढ़ने जाते??
पढ़ा हुआ तो बिना पढ़ों को खल जाएगा।
जिन जिनको नेता बनना है संसद जाना।
संविधान का उलट फेर करना करवाना।।
‘शुभम्’ देश का तभी भला कल कर पाएगा ।
— डॉ. भगवत स्वरूप ‘शुभम’