कविता

बस इतना ही बदला हु

तेरे जाने के बाद,

तेरेे जाने के बाद मैं बस इतना ही बदला हु
कही कोई समझ ना जाए की मैं टूट चूका हु इसलिए थोड़ा संभला हु,

कोई ये ना समझ जाए कल तक जिसका कोई दुश्मन ना कुछ कर पाया
आज इसके किसी अपने ने ही है जी भर तड़पाया,
उन्हें ये न खबर लग जाए की मैं टूट गया हु
तेरे जाने के बाद बस इतना ही बदला हु.

आती हो तुम हर रोज यहाँ पर मेंरे सपनो में
हर कोई जानता है की तुम ही हो एक मेरे सबसे करीब मेरे अपनों में,
चली गयी हो मुझे छोड़ के ये बात मैं जाना चूका हु फिर भी
तुम्हे मैं अपना मान चूका हु.

कैसे भुलु मैं वो वो दिन और वो सुहानी राते
जब हम नदी के किनारे बैठ कर करते थी प्यारी प्यारी बाते,
कैसे भुलु मैं वो तेरा चोरी छुपे आना, आके धीरे से मेरी बाहो में समां जाना,
तू तो भूल चुकी है इन सब बातो को पर ना मैं भुला हु
तेरे जाने के बाद मैं बस इतना बदला हु.
मैं कल भी तेरा था और आज भी बस तेरा तेरा और बस तेरा हु.

अखिलेश पाण्डेय

नाम - अखिलेश पाण्डेय, मैं जिला गोपालगंज (बिहार) में स्थित एक छोटे से गांव मलपुरा का निवासी हु , मेरा जन्म (23/04/1993) पच्छिम बंगाल के नार्थ चोबीस परगना जिले के जगतदल में हुआ. मैंने अपनी पढाई वही से पूरी की. मोबाइल नंबर - 8468867248 ईमेल आईडी [email protected] [email protected] Website -http://pandeyjishyari.weebly.com/blog/1