उपन्यास अंश

अधूरी कहानी: अध्याय-31: हार्डडिस्क

कुछ दिन बाद फिर से एंथोनी ने स्नेहा से बीस लाॅख रूपये की डिमांड की तब स्नेहा ने सारी कहानी मुझे बताई तब हमारे एक्सपर्ट ने एंथोनी के कम्प्यूटर को ट्रैस किया और हमारे पुलिसकर्मी वहां गये पर उससे पहले वह वहां से निकल चुका था फिर स्नेहा ने एंथोनी को बीस लाॅख रूपये दे दिये जिससे उन लोगों ने समीर को छोड़ दिया समीर हमारे पास आ गया था पर समीर को उस जगह का पता नही था क्योंकि उन लोगों ने समीर की आॅखों में पट्टी बांध रखी थी।

स्नेहा बोली अब मुझे कुछ नहीं चाहिए मुझे मेरा समीर मिल गया है पर समीर बोला हम उन्हें ऐसे नहीं छोड़ सकते हमें उन्हें पकड़ना होगा तब कमिशहर बोला कैसे वो तो बहुत शातिर है तब समीर बोला जहां उन लोगों ने मुझे बंद किया था मैं वहां अपना मोबाइल साइलेन्ट मोड में डालकर छोड़ आया हूॅ हमें बस मेरा नम्बर ट्रैस करना होगा और समीर कम्प्यूटर शीट पर बैठ गया और अपना नम्बर ट्रैस कर लिया कम्प्यूटर वहां से कुछ दूर जंगल की लोकेशन बता रहा था अब हमारी पुलिस फोर्स वहां के लिये निकल चुकी थी ।

पर वहां एंथोनी कम्प्यूटर पर काम कर रहा था अचानक उसे किसी चीज की लाइट दिखी वह पास गया तो समीर का मोबाइल था तब उसने मोबाइल आॅफ किया और रणवीर को बुलाया और कहा ये समीर का मोबाइल है और वह इसे यहां जानबूझकर छोड़ गया है ताकी वो लोग हमें पकड़ सके समीर पुलिस के साथ यहां आता ही होगा हमें यहां से निकलना चाहिए तभी एंथोनी ने कम्प्यूटर की सारी जानकारी मिटा दी और हार्डडिस्क निकालकर कूड़े में फैंक दी और सब लोग वहां से भाग गये।

तब तक वहां पुलिस पहुँच गयी पर पुलिस के हाथ कोई नहीं आया एक इंस्पेक्टर ने कम्प्यूटर देखा तो उसके पास गया और कम्प्यूटर को आॅन किया टर कम्प्यूटर खाली था तब तक समीर को कूड़े में पड़ी हार्डडिस्क मिल गयी उसे कम्प्यूटर में लगाया पर वह भी फाॅर्मेट थी फिर समीर ने बताया की हम अगर कम्प्यूटर का पूरा सिस्टम हैग कर लें तो हमें सब पता चल सकता है फिर समीर ने लैपटाॅप निकाला और कम्प्यूटर को हैग किया तब हमें सारी जानकारी ब्लैकमेदल का नाम पता मोबाइल नम्बर पता चल गया था।

दयाल कुशवाह

पता-ज्ञानखेडा, टनकपुर- 262309 जिला-चंपावन, राज्य-उत्तराखंड संपर्क-9084824513 ईमेल आईडी[email protected]