कविता

कविता : विचारधारा

किसी विचारधारा का पनपना
निर्भर करता है
बहुत हद तक
किसी व्यक्ति विशेष की
परवरिश
और आस – पास के माहौल पर

प्रतिछवि है यह
समाज में घटित होती
अनंत घटनाओं की

होता आया है टकराव
विचारधाराओं का
आदिकाल से ही
इनकी बलिवेदी पर बही हैं
रक्त की धाराएं भी
पहुंची है अपूर्णीय क्षति
मानव सभ्यता को

मैं भी चाहता हूँ देना
एक सकारात्मक दिशा
विचारों के इस प्रवाह को
ताकि जन्म ले सके
एक सार्वभौमिक नव विचारधारा

जिसकी उर्जा का बहाव ले जाए
प्रगति एवं खुशहाली की राह पर
बिना भेद किये
प्रताड़ित, शोषित व कुंठित
और अवसादों से ग्रसित
हर जन को

इर्ष्या, द्वेष और कपट रहित
ऐसी विचारधारा की
नितांत जरुरत है आज
भटकती मानवता को

मनोज चौहान

मनोज चौहान

जन्म तिथि : 01 सितम्बर, 1979, कागजों में - 01 मई,1979 जन्म स्थान : हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के अंतर्गत गाँव महादेव (सुंदर नगर) में किसान परिवार में जन्म l शिक्षा : बी.ए., डिप्लोमा (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग), पीजीडीएम इन इंडस्ट्रियल सेफ्टी l सम्प्रति : एसजेवीएन लिमिटेड, शिमला (भारत सरकार एवं हिमाचल प्रदेश सरकार का संयुक्त उपक्रम) में उप प्रबंधक के पद पर कार्यरत l लेखन की शुरुआत : 20 मार्च, 2001 से (दैनिक भास्कर में प्रथम लेख प्रकाशित) l प्रकाशन: शब्द संयोजन(नेपाली पत्रिका), समकालीन भारतीय साहित्य, वागर्थ, मधुमती, आकंठ, बया, अट्टहास (हास्य- व्यंग्य पत्रिका), विपाशा, हिमप्रस्थ, गिरिराज, हिमभारती, शुभ तारिका, सुसंभाव्य, शैल- सूत्र, साहित्य गुंजन, सरोपमा, स्वाधीनता सन्देश, मृग मरीचिका, परिंदे, शब्द -मंच सहित कई प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय पत्र - पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में कविता, लघुकथा, फीचर, आलेख, व्यंग्य आदि प्रकाशित l प्रकाशित पुस्तकें : 1) ‘पत्थर तोड़ती औरत’ - कविता संग्रह (सितम्बर, 2017) - अंतिका प्रकाशन, गाजियाबाद(ऊ.प्र.) l 2) लगभग दस साँझा संकलनों में कविता, लघुकथा, व्यंग्य आदि प्रकाशित l प्रसारण : आकाशवाणी, शिमला (हि.प्र.) से कविताएं प्रसारित l स्थायी पता : गाँव व पत्रालय – महादेव, तहसील - सुन्दर नगर, जिला - मंडी ( हिमाचल प्रदेश ), पिन - 175018 वर्तमान पता : सेट नंबर - 20, ब्लॉक नंबर- 4, एसजेवीएन कॉलोनी दत्तनगर, पोस्ट ऑफिस- दत्तनगर, तहसील - रामपुर बुशहर, जिला – शिमला (हिमाचल प्रदेश)-172001 मोबाइल – 9418036526, 9857616326 ई - मेल : [email protected] ब्लॉग : manojchauhan79.blogspot.com

2 thoughts on “कविता : विचारधारा

  • विजय कुमार सिंघल

    बढ़िया !

    • मनोज चौहान

      हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद सर …………!

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