“कुंडलिया”
“कुंडलिया”
होली हमने खेल ली ,सीमा पर ललकार
माँ माटी को चूम ली, तेरी जय जयकार
तेरी जय जयकार, मातु यह मनुज सितारा
लिए तिरंगा साथ, चला यह लाल दुलारा
कह गौतम कविराय, जवानों की ये बोली
बलिदानी हरषाय, गर्व की खेलों होली॥
महातम मिश्र (गौतम)