कविता

ईश्वर् क्यों उठाया उन्हें ….एक प्रश्न

“इंडिया” तूने खो दिया एक महान बेटे को ।
जो ज्ञाता था “क़ुरान और भगवत गीता ” का ।
जो ज्ञाता था “अग्नि और पृथ्वी” मिसाइल का ।

वो जीवन देने वाले … “अनकही , अनसुलझी ,अबूझ पहेली ”
जिन्हें नाम दिया गया है “ईश्वर” ?
तूने उसे “पृथ्वी से उठा लिया”….??
क्योंकि उसने बनायीं थी “पृथ्वी मिसाइल”…।
जिसने लिया जीवन में दो छुट्टी …”एक पिता के मरने पर ” और दूजा ” माँ के मरने पर”…।

अरे वो निर्मोही “ईश्वर” तूने उसे उठा लिया ।
देश को विकशित किया “मिसाइल ” से…
भारतियों ने नाम दिया “मिसाइल मेन ” …….
अरे वो “अदृश्य परिशक्तियों ” वाले ईश्वर तूने उसे “मिसाइल गति ” से अपने पास बुला लिया ।

देशभक्ति हो जिसमे , देश को दुल्हन मानने वाले “विज्ञान पुरुष ” के लिए रोने वाला भी किसी “अपने ” को नहीं छोड़ा।।
मैं मानता हु की आप हो ज़िद्दी पर ….!!
पर अपनी जिद तो बदलो अपने बच्चों के लिए ।।।

माना मृत्यु चिरंतन सच है , किन्तु हे मेरे प्रभु !
तेरे पास उनके लिए और “16 साल”नहीं थे ,जो शतक पूरा कर लेते ज़िन्दगी के।

ये “16 साल के बच्चे ” उन्हें कितना प्रिये थे , तुमसे क्या छिपा है ।
तुम्हारे पास क्या अच्छे लोगो की कमी हो गयी है,जो पृथ्वी से असामयिक उठा लेते हो ।
इस बार तो हद कर दी,आपने रक्षा पुत्र को उठा लिया ।
सपनो की सच्चाई में जीने वाले को उठा लिया ।
एक अख़बार वितरक जब पायलट नहीं बन पाया , तब भी हार नहीं मानी और अग्नि की उडान कर मिसाइल मेन कहया।

स्वदेसी उपग्रह भी छोरे ,”अणु बम”के लिए बुध फिर मुस्काये ,
कोई “भारतरत्न” राष्ट्रपति बने ,
“गीता -क़ुरान “भी पढ़ते साथ साथ ,परंतु “विज़न 2020” तक पहुच न पाये ।

परंतु अंतिम प्रयाण रहे बच्चों के साथ,वीणा भी बजाते।
हिन्दू तीर्थ “रामेश्वरम” में एक मुस्लिम परिवार में जन्मे ।
हे अल्लाह उन्हें फिर भेजे यहाँ ….!!

हा “चाचा कलाम “, वाले कुम सलाम
श्रद्धा सुमन ।

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