कविता

कह मुकरी

तेज धूप में छाया देता
ख्वाबों में भी दुःख हर लेता
उसे देख हो जाती पागल

क्या सखी साजन? माँ का आँचल !!

कड़ी धूप से मुझे बचाता
मेरे तन की पीड़ा हरता
मर्ज़ भगाए जैसे हकीम
क्या सखि साजन ???? ना सखी नीम !!

साधना अग्निहोत्री 

साधना अग्निहोत्री

Birth -- 13 / 10 /1964 Siksha -- M A / Economics