जे आदमी हो के गाड़ी
“सुन भाया एक बात बताओ । बड़े उदास लग रहे हो।”
“भंवर जी के बताऊ, बेटा कह रहा था पिता जी आप के विचार आउट डेटेड हो गए हैं । अपडेट करने की आवश्यकता है । अब तुम बताओ मैं कोई फेस बुक या व्हाटसेप हूँ क्या । जो आए दिन अपडेट किया जा सके हैं। बेटा कहता है ये बजाज के स्कूटर और एम्बेसडर की स्पीड से न चलो । मैं तो इन्हीं के जमाने का हूँ ।तो इन्हीं की स्पीड से चलूंगा।”
“देखो चमन एक तरह से बेटा ठीक ही कह रहा है । मौसम बदले हैं तो तुम कपड़े भी उसी तरह के पहनो हो, ना पहनों तो परेशानी तो होवेगी ना समझने वाली बात ये है की हमें भी थोड़ा बदलने की जरूरत है। अपने आप को समय के साथ अपडेट करने की जरुरत है ।”
“भंवर क्या यही एक उपाय है ?”
“जमाने के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना है तो मेरी मान। जैसे रेडियो एफ एम हो गया टीवी स्मार्ट हो गया तुम भी एम्बेसडर से उतर ही लो और विचारों की फरारी पकड़ ही लो और एक बार तो मेट्रो में सफर कर ही लो। बदलाव का मजा आ गया तो खुद ब खुद अपडेट कर लोगे अपने आप को । फिर देखो मजा जिन्दगी परों से हल्की लगने लगेगी। भाया याद करजो मने भी ऐसी शिक्षा दे रिया हूं । मानो न मानो था कि मर्जी आदमी स्वभाव के नीे बदले गाड़ी वालों गाड़ी में बदलाव नहीं करेगा तो एक समय ऐसों आवे कि दोनो आउट डेटेड हो जावे। वी से पेले खुदने और गाड़ी दौनों ने बदल दो एनसीआर में आउट डेटेड गाड़ी घुसने भी ना दे रहे ऐसों हिया होए वी से पहले तम चेती जाओ…”