कविता

कविता- चुनावी सपना

वो युवा से खुद की तकदीर लिये
खुले मंच पर चढ़कर बोले,
जिता दो भईया हमको
बदल देगें रूख हवा का
वो हंसकर बोले!
दिखाये हसीन सपनें खूब
उनसे अच्छा मेरा सपना
जो पूरा पक्का होगा,
लौह इरादा जो कभी ना
जंग न खायेगी
सबकुछ बस उनसे अच्छा होगा!!

कवि अभिषेक राज शर्मा

अभिषेक राज शर्मा

कवि अभिषेक राज शर्मा जौनपुर (उप्र०) मो. 8115130965 ईमेल as223107@gmail.com indabhi22@gmail.com