कविता

वह भुजा काट देनी होगी!

खून खौल उठता है उस
नन्हीं गुड़िया की हालत पर

कैसे बाँट रहे कुकर्म को
धर्म जाति की चैखट पर

आवाह्न है माताओ अब
हमको कृपाण लेनी होगी

बिटिया की ओर जो हाथ बढ़े
वह भुजा काट देनी होगी!

वंदना पांडेय

One thought on “वह भुजा काट देनी होगी!

  • मंजूषा श्रीवास्तव

    वह भुजा काट देनी होगी . . .
    न्यायार्थ यह कदम उठाना ही होगा

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