मुक्तक/दोहा

“मुक्तक”

बाल-दिवस पर प्रस्तुति

“मुक्तक”

काश आज मन बच्चा होता खूब मनाता बाल दिवस।
पटरी लेकर पढ़ने जाता और नहाता ताल दिवस।
राह खेत के फूले सरसों चना मटर विच खो जाता-
बूढ़ी दादी के आँचल में सुध-बुध देता डाल दिवस।।-1

गैया के पीछे लग जाता बन बछवा की चाल दिवस।
तितली के पर को रंग देता हो जाता खुशहाल दिवस।
बिना भार के गुरु शरण में वीणा की पूजा करता-
ज्ञान और विज्ञान धरोहर धर लेता निकाल दिवस।।-2

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ