मीरा की जन्म-जयंती
भक्तिन मीराबाई की जन्म-जयंती व शरद पूर्णिमा पर सादर नमन ।
“मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई….” संत-कवयित्री मीराबाई की जन्म-जयंती पर सादर नमन।
भक्तिन मीराबाई श्रीकृष्ण भक्ति में बाल्यावस्था से मृत्युपर्यन्त तल्लीन रही…. वे श्रीकृष्ण को पति-परमेश्वर के रूप में देखती रही ! सोलहवीं सदी में जन्मी मीरा जी राजा रतन सिंह राठौर की बेटी, महाराणा सांगा की पुत्रवधू व राजा भोजराज की धर्मपत्नी थी, बावजूद वे अपने ‘कान्हा’ में इस कदर प्रेम में डूबी रहती कि उन्हें ससुरालवालों की तरफ से विषपान करने को दी गई, किन्तु उनसे वे बच निकली !
शरद पूर्णिमा यानी भक्तिन मीरा की जन्म-जयंती ! जन्मदिवस पर सादर नमन !