हास्य व्यंग्य

मीठू से मीटू तक

आरुषि बचाओ, हत्यारे कौन? सब मौन! कहना है, 92 वर्षीय पुरुष का ‘मीटू’ से शिकायत! श्री ज्ञानशंकर शुक्ल का एक लघु आलेख है, जो आलेख श्री आशुतोष शुक्ल के प्रसंगश: है कि लगता है, अब बुढ़ापा खराब होने वाला है, जब से ‘मीटू’ भारत आया है । मैं डरता हूँ कि कब फेसबुक पर या ट्वीटर पर कोई कह दे कि फलाँ ने गलत इरादे से मुझे ‘टच’ किया था ! पहला डर तो मुझे धरती पर अवतरित कराने में मेरी माता की सहायता करने वाली ‘दाई’ से है, जिसे मैंने धोखे में हो सकता है, उसका आँचल “टच” कर लिया हो।

मैं 92 वर्ष का हूँ, पता नही वह जीवित है भी कि नहीं! दूसरा डर बुआ से है, बचपन में उन्होंने भी गोद में लेकर लाड़-प्यार दिया है, यह वह दावा करती थी, जा-जा तुझे गोदी खिलाया है, बड़ा आया है । उसके बाद तो शैशव बीता किशोरावस्था आई, कुछ याद नहीं! पर जवानी आयी, वो भी बेधड़क आयी । सबको आती हैं, आनी ही थी।

अब तो गर्ल फ्रेंड का डर सता रहा है । पहले तो कहती थी- ‘जानूँ, मैं तन -मन- धन से सिर्फ तुम्हारी हूं ।’ पर वह हूर की परी, मेरे सपनों की रानी मुझ पर कब बुलडोजर चलवा दे, भरोसा नही ! चलिए जो किया है, वह तो भुगतना पड़ेगा ही । सबसे बड़ा डर तो अब बीवी से भी लग रहा है, क्योंकि वह मेरो जागीर तो है नहीं ! [क्योंकि ऐसा ‘कानून’ आ गया है न !] यदि वह शिकायत कर बैठे कि भइया पहली रात बगैर पूछे घूँघट क्यों उठाया था ?कर दूँ तेरी छीछालेदर ? नहीं तो आईफोन और डायमंड नेकलेस दिलवा दो।

भइया, बड़े सगे बनते हो मेरे फेसबुक फ्रेंड हो ! मेरी इज्जत बचाओ या अपनी इज्जत बचाओ । भगवान जाने क्या होगा मेरा और मेरी भारतीय संस्कृति या संस्कारो का ? ईसाइयो और वामपंथियों ने तो आपको कहीं का न रखने की चाल चल दी है। अपना नाम भी बताना पड़ेगा । चलिए, खोजिये यह लिखने का ज्ञान देने वाले भोले शंकर बाबा ने कहा था जब भी लिखना शुक्ल पक्ष में लिखना, वरना कृष्ण पक्ष  में लिखोगे, तो कालिख अवश्य लगेगी और ‘मीटू’ से बचोगे नहीं !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.