कविता

कविता… शहीदों की कुर्बानी

*शहीदों की कुर्बानी*

शहीदों की कुर्बानी से
आंखें सभकी भर आई
वो कल भी थे आज भी हैं
अस्तित्व में चमक छाई

नमन उनकी शहादत को,
शरीर देख आंखें भर आई
जज्बा मां का जब बोली,
भारत की रक्षा में सौ बेटे लुटाई

भारत मां के लाल तूने,
फ़र्ज़ अपना अदा किया
जान हथेली पर लेकर,
एक झटके से दुश्मन को ढेरकिया

देश की रक्षा करते तुम,
गहरी नींद में सो गए
पूरा भारत परिवार तुमको याद किया
तुम शहीद हो गए

देश की रक्षा में तुम्हारा बलिदान,
देश कभी ना भूल पाएगा
हर देशवासी याद रखेगा तुमको,
वंदे मातरम गाएगा

अब हर परिवार से एक बच्चा,
सेना में जाएगा
देश की रक्षा में,
जी जान से लड़ जाएगा

देश सुरक्षित है तुम्हारी,
खातिर अब सभको समझ आएगा
साथियों में उर्जा भर गए,
दुश्मन अब भारत से थार्रराएगा

तुम जैसे बहादुरों का नाम सुन,
दुश्मन सीमा से भाग जाएगा
हर सीमा पर हमेशा,
भारत का झंड लहराएगा-3

*लेखक-साहित्यकार,कानूनी लेखक,चिंतक,कवि एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र*

*किशन भावनानी

कर विशेषज्ञ एड., गोंदिया