कविता

विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर

पैदलराही पहले
साइकिल के प्रति
उत्सुक रहते,
उसे तकते,
उसे देखते !
हालाँकि साइकिल
हमेशा से
गरीबी का सूचक
रहा है !
अमीरी का सूचक
तो कार रहे हैं,
बेकरार रहे हैं,
चाहे यह
सरकार के पास हो
या लोगों के पास !
बीएमडब्ल्यू हो,
लंबे, चौड़े, तिकोने
टन टनाटन !
विश्व साइकिल दिवस
3 जून को है,
इसी माह 21 जून को
अंतरराष्ट्रीय
योग दिवस है
और साइकिल खुद
योग का
सर्वोत्तम साधन है।
सच में
पैदलराही अब भी
साइकिल के प्रति
उत्सुक रहते,
उसे तकते,
उसे देखते !
चाहे कादो-पानी हो
या नीम-हकीम के पास
जाने हो !
साइकिल तो है न
जिंदाबाद करते हुए।
वजनी नहीं ज्यादा
कि कुवक्त आये
तो कंधे में उठा लो।
मस्त है,
सेहत के लिए
सशक्त है-
साइकिल की सवारी,
हाँ, साइकिल की सवारी !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.