कृष्ण अर्जुन
बन के अर्जुन तुम्हें अब लड़ना ही होगा,
सौ खड़े हो अपने तेरे
उठाकर ब्रह्मास्त्र सबका
विनाश करना ही होगा।
जो दिखते हैं न नकाब ओढे हुए अपने
वो युगों से तेरा तिरस्कार करते आए हैं।
उठकर तुम्हें अब उनकी
व्यंग भरी हंसी का जवाब देना ही होगा।
मत ढूंढना किसी में भगवान कृष्ण को
ये कलयुग है यहां कर्ण जैसा
मित्र भी नहीं मिलेगा जो सत्य जानकर भी
अपनी मित्रता के लिए असत्य का साथ निभाए।
तुमको स्वमं में भगवान कृष्ण को जगाना होगा
और स्वयं ही ज्ञान उपदेश लेकर
अपनों से लड़ना होगा।
तुम मत सोचना पाप और पुण्य के बारे में
यह धर्म क्षेत्र है धर्म के लिए जो लड़ता है
वो कभी भी अधर्मी पापी नहीं कहलाता।
तुम बस इतना याद रखना तुम उस जग जननी
महामाया माँ महाकाली के सपूत हो
तुम्हें धर्म के लिए लड़ना ही होगा
भले धर्म के रास्ते में आने वाला कोई भी हो
तुम्हें सिर काट कर उनका
रणचंडी को चढ़ाना ही होगा।
— राजीव डोगरा ‘विमल’