लघुकथा

सोने का भाव

आज संध्या काल ज्यो ही रमेश निकल रहा था, इतने में श्रीमती सोनिया बोली– अजी ,सुनते हैं आते वक्त कुछ सब्जी लेते आना और हां टमाटर भी।
अरे सोनिया ये तुम्हारा टमाटर न!
रमेश अक्सर सब्जी मंडी जाकर सबसे पहले टमाटरों पर ही नजर दौड़ाता,क्योंकि उसकी श्रीमती की कोई सब्जी बिना टमाटर की नहीं बनती।
क्या भाव दे रहे हो टमाटर?
साहब , लेंगे भी या ऐसे ही पूछ रहे हैं?
आज सुबह से मैंने करीब बीसो लोगों को भाव बताया पर कुछ तो बिना लिए और कुछ लिए भी तो पांव से अधिक लेने की हिम्मत नहीं की ।
…..कहिए कितना दे दूं?
……. भाव तो बताओ!
……. डेढ सौ रुपए किलो।
……. रातों-रात दाम में क्यों आग लग गई।
……. साहब ,प्रकृति की मार तो देख ही रहे हैं, एक तरफ खेतों में पानी तो दूसरे तरह गाड़ी- घोड़ा का रास्ता बंद। करे भी तो क्या?
…….. अच्छा,आधा किलो दे दो।
कुछ और सब्जियां लेकर घर को चल दिए ।घर पहुंचते भी छोटी बेटी गुड़िया थैला ही बोली— पापा ,मेरी खाने लायक एक भी सब्जी नहीं लाए ,सिर्फ थोड़ा टमाटर ही लाए हैं।
….. मम्मी, आज टमाटर की चटनी और पूरी हो जाए।
….. सुधीर गुड़िया को बोला –बेटा चटनी और पूरी कभी और खा लेना ।
…….नहीं पापा ,आज चटनी पूरी यदि नहीं मिला ,तो मैं बिना खाए ही सो जाऊंगी।
सुधीर को यह सुन अच्छा ना लगा । वह बोला– चलो गुड़िया कहीं घूम कर आते हैं बाइक पर! बहुत मजा आएगा।
सच्ची पापा हां बेटा चलो सुंदर सुधीर अंदर जाकर आलू पूरी बनाने को बोला
दोनों चल दिए। कुछ समय पश्चात घूम कर वापस आ गए। मां ने उसे पूरी और और आलू की सब्जी खिलाकर सूला दिया।इतने में सुधीर बोला — देखा, मैंने गुड़िया को कैसे भुलाया ?
.…..हां, मैं समझी लेकिन क्या होता, यदि चटनी बन ही जाता तो!
……. सोनिया, बात चटनी की नहीं थी, यहां वह अपनी जिद पर अड़ी थी और यदि हम माता-पिता बच्चों की हर छोटी- छोटी ज़िद पूरा करने लगे तो बड़ी ज़िद के वक्त भी उन्हें रोकना संभव नहीं होगा चाहे वह गलत ही क्यों न हो ?
कुछ मालूम भी है अभी टमाटर सब्जियों में सोने का भाव बिक रहा है।डेढ़ सौ रुपए किलो हैं , तुम्हारा क्या अभी चटनी बना देती और सुबह कहती,
” ऐ जी टमाटर लाओ तो सब्जी खाओ, वरना यहां से जाओ” सुधीर का व्यंग कर यह बात सुन दोनों के चेहरे हंसी छलक उठी….
— डोली शाह

डोली शाह

1. नाम - श्रीमती डोली शाह 2. जन्मतिथि- 02 नवंबर 1982 संप्रति निवास स्थान -हैलाकंदी (असम के दक्षिणी छोर पर स्थित) वर्तमान में काव्य तथा लघु कथाएं लेखन में सक्रिय हू । 9. संपर्क सूत्र - निकट पी एच ई पोस्ट -सुल्तानी छोरा जिला -हैलाकंदी असम -788162 मोबाइल- 9395726158 10. ईमेल - [email protected]