भारत
युगों युगों से भारत को, भारत ही सुनते आये हैं,
धर्म ग्रंथों का विश्लेषण, भारत को भारत पाये हैं।
धर्म सनातन आधार सृष्टि, ब्रह्माण्ड का सार यहाँ,
पंच महाभूतों का संरक्षण, भारत में ही समाये हैं।
कौन राम थे किसके बेटे, कौन उनके पूर्वज थे,
समय कौन सा किस राज्य में, जन्म वह पाये थे?
सभी व्यक्त शास्त्रों में, गंगा औ’ भगीरथ के क़िस्से,
पुरखों को मुक्ति ख़ातिर, धरा पर गंगा वो लाये थे।
कौन पूर्वज ईसा के थे, क्या है कोई इतिहास कहीं,
कौन पूर्वज मूसा के थे, उनकी भी लिखी बात कहीं?
पुत्र बताते ईसा खुद को, मूसा कहते खुद को दूत,
कान्हा स्वयं ईश्वर रूप, पढ़ी नहीं क्या बात कहीं?
धर्म सनातन अनन्त काल से, जिसकी कोई थाह नहीं,
जिसमें हो प्रकृति का संरक्षण, धर्म की कोई थाह नहीं।
मानवता आधार धर्म का, ईश्वर को पाने की चाह,
अध्यात्म से गूढ़ रहस्य, सप्तलोक रहस्यों की थाह नहीं।
— अ कीर्ति वर्द्धन