कविता

हम जनता सबके मालिक हैं

सरकार कानून सब साथ देंगे 

बस हमें कदम बढ़ाना है

हम जनता सबके मालिक हैं  

यह करके दिखाना है

इसांनियत को जाहिर कर 

स्वार्थ को मिटाना है

बस यह बातें दिल में धर 

एक नया भारत बनाना है

एकता अखंडता भाईचारा दिखाना है

यह जरूर होगा पर 

इसकी पहली सीढ़ी  

अपराध को ह्रदय से निकालना है

कलयुग से अब सतयुग हो  

ऐसी चाहना है

हम सब एक हो ऐसा ठाने  

तो ऐसा युग जरूर आना है-3

पूरी तरह अपराध मुक्त भारत बने 

ऐसी चाहना है

भारत फिर सोने की चिड़िया हो 

ऐसी भावना है

सबसे पहले खुद को 

इस सोच में ढलाना हैं

फिर दूसरों को प्रेरित कर  

जिम्मेदारी उठाना है

ठान ले अगर मन में  

फिर सब कुछ वैसा ही होना है

हर नागरिक को परिवार समझ 

दुख दर्द में हाथ बटाना है

इस सोच में सफल हों 

यह जवाबदारी उठाना है

मन में संकल्प कर  

इस दिशा में कदम बढ़ाना है

पूरी तरह अपराध मुक्त भारत बने 

ऐसी चाहना है

भारत फिर सोने की चिड़िया हो  

ऐसी भावना है

— किशन सनमुुख़दास भावनानी

*किशन भावनानी

कर विशेषज्ञ एड., गोंदिया