कविता

कविता – आखिरी ख्वाहिश

सुकून देने वाली बात नहीं तो,
जिंदगी में कुछ नहीं है।
उबड़-खाबड़ रास्ते पर चलने वाले लोगों को,
सब कुछ हासिल करने में,
सफलता मिलती अवश्य है।

तंग गलियों से गुजरते हुए,
आगे बढ़ने की ख्वाहिश रखने वाले,
उम्मीद बनाएं रखने में,
सबसे पहले खड़ा रहते हैं।
नजदिकियां बढ़ाने में,
हमेशा लगातार मेहनत करते हैं।

यही जिंदगी की सबसे बड़ी इबादत है,
हमेशा आगे बढ़ने की,
कोशिश ही नहीं सबसे बड़ी सियासत है।

यही समर्पण मेहनत जोश से भरे हुए,
रहने का अन्दाज़ है।
लोगों की मदद करने वाले लोगों को ही,
सफलता मिलती है,
सब लोग कहते हैं,
आखिरी ख्वाहिश का सबसे खूबसूरत राज़ है।

खूबसूरत बगीया है तो,
जिंदगी में खोई हुई खुशियां नज़र आतीं हैं।
इस दरम्यान हमें औरों को मदद करने के नाम पर,
हमेशा लगातार तरह-तरह की शिकायतें,
से रूबरू कराती है।

अगर सम्भव है तो हमेशा,
ज़िन्दगी में सुकून देने का निर्णय,
सहूलियत से लिया जाता है।
रंग बिरंगी दुनिया में,
यह सच्चाई अन्तिम समय में,
सबको समझ में आता है।

हमें बेहतर विकल्प बनाने में,
आखिरी ख्वाहिश को मजबूती से,
पकड़ कर रखना होगा।
ज्ञान दर्पण में उम्मीद बनाएं रखने में,
इस तरकीब पर अमल करना होगा।

— डॉ. अशोक, पटना

डॉ. अशोक कुमार शर्मा

पिता: स्व ० यू ०आर० शर्मा माता: स्व ० सहोदर देवी जन्म तिथि: ०७.०५.१९६० जन्मस्थान: जमशेदपुर शिक्षा: पीएचडी सम्प्रति: सेवानिवृत्त पदाधिकारी प्रकाशित कृतियां: क्षितिज - लघुकथा संग्रह, गुलदस्ता - लघुकथा संग्रह, गुलमोहर - लघुकथा संग्रह, शेफालिका - लघुकथा संग्रह, रजनीगंधा - लघुकथा संग्रह कालमेघ - लघुकथा संग्रह कुमुदिनी - लघुकथा संग्रह [ अन्तिम चरण में ] पक्षियों की एकता की शक्ति - बाल कहानी, चिंटू लोमड़ी की चालाकी - बाल कहानी, रियान कौआ की झूठी चाल - बाल कहानी, खरगोश की बुद्धिमत्ता ने शेर को सीख दी , बाल लघुकथाएं, सम्मान और पुरस्कार: काव्य गौरव सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, कविवर गोपाल सिंह नेपाली काव्य शिरोमणि अवार्ड, पत्राचार सम्पूर्ण: ४०१, ओम् निलय एपार्टमेंट, खेतान लेन, वेस्ट बोरिंग केनाल रोड, पटना -८००००१, बिहार। दूरभाष: ०६१२-२५५७३४७ ९००६२३८७७७ ईमेल - [email protected]