बेटियां
बेटियां होती हैं, प्रेम प्रीत निर्झरणी,
हरियाली हॄदय की, सूखने न दीजिए।।
सहेजे दो कुल की शोभा, लाजवंती लाडली,
बेटा-बेटी हैं समान, भेदभाव न कीजिये।।
बेटा गौरव, बेटी गरिमा, राष्ट्र जन गण की,
पांखें फैला छू ले आसमान, हौसला दीजिए।।
ऊँची ऊँची भरे उड़ान, मिले शिक्षा वरदान,
पाये ज्ञान-सम्मान, कला कौशल सिखाइये।।
आत्मविश्वास से विकास पथ पर रहे अजेय,
साहस, संबल स्नेह से ज्योति प्रदीप कीजिये।।
शक्ति, भक्ति, रिद्धि, सिद्धि, नवदुर्गा अवतार,
धन पराया मान, अपमान न कदापि कीजिये।।
आत्मीयता से बांधे रखती रेशम डोर बेटियां,
प्रेम-नेह, आशीष, दुलार छत्रछाया दिजिये।।
बिटिया बिना संसार चक्र, बाग गुलजार न होगा,
बिटिया ले आती सौभाग्य, सुख, सुकून पाइये।।
भ्रूण हत्त्या से बिगाड़ो न प्राकृतिक संतुलन,
तेजस्विनी, फूलों-सी कोमल, नारी रूप संवारिये।।
स्नेह, संयम गगरी, दया, क्षमा, करुणा मूर्ति,
माँ ममता की, अनुपम प्रभु प्रतिकृति जानिए।।
ReplyForwardAdd reaction |