फैसले पर अफसोस
यही मुकद्दर है,
ज़माने भर में इसकी महक दिखाई देती है,
सम्पन्नता और सुकून,
हमेशा महसूस कराती रहती है।
उमंग और उत्साह से,
भरपूर होने पर,
खुशियां अपार मिलता है।
नज़रों से देखा जाए तो,
काफी सुकून दिखता है।
कुछ हमदर्दी जताते हुए,
आपसी सहमति से बातचीत करते हुए,
आगे बढनी चाहिए।
नज़रों से देखा जाए तो,
यही समझदारी,
अपनी हिफाजत के लिए,
हमेशा दिखनी चाहिए।
कुछ हालात ऐसी ही बन जाती है,
जहां दूरियां बन जाती है,
कहलाएगी यहअवश्यंभावी अवश्यंभावी है।
ऐसी खुशियां नहीं लानी होगी,
जिसमें इल्म हासिल करने की,
दिल में ख़याल से होनी चाहिए,
बनकर एक सही जवाबदेही है।
रिश्तों को यहां मजबूत बनाने में,
कामयाबी हासिल करने की होती बड़ी जरूरत है।
सही क़दम उठाने वाले लोगों को,
इसकी वजह जानना जरूरी है,
इस कारण बढ़ जाती इस इल्म की,
आज़ की दुनिया में,
बड़ी हो जाती अहमियत है।
— डॉ. अशोक, पटना