हे प्रभु !
हे प्रभु ! दया करो
मन मेरा भटका
इसको सुधारो ।
जीवन निरर्थक लगता
घोर अशांति छायी
प्रभु तुम बिन सब
सूना-सूना लगता ।
हे प्रभु ! दया करो
संसार में आसक्त हूं
डूबती नैया, पार करो ।
निष्काम प्रेमी बनूं
निर्भय सदा रहूं
सद्भाव हृदय में हो
सदा आत्मा की सुनूं
हे प्रभु ! दया करो
निरभिमानी हो जाऊं
दयानिधि ऐसी दया करो ।
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा