गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

करने वाला करे बुरा सा कुछ
इक भरोसा तो है खुदा सा कुछ
ढूंढ़ता हूं अभी उम्मीदे हैं
अपने भीतर कहीं बचा सा कुछ
देख बच बच के पांव रख लेना
है तो सड़कों पे रास्ता सा कुछ
झुर्रियां आ गई हैं माथे पर
शक्ल पर देखिये पता सा कुछ
हर तरफ हैं इमारतें ऊंची
देखने को कहां हरा सा कुछ
उम्र के साथ सब बदलते हैं
हां नज़र आयेगा नया सा कुछ
चंद लमहे नजर मिली उनसे
मेरे हाथों से भी गया सा कुछ

— डॉ. महेन्द्र अग्रवाल

डॉ. महेन्द्र अग्रवाल

जन्म तिथि 21-04-1964 शिवपुरी शिक्षा एम.एस-सी.(जन्तु शास्त्र) गोल्डमेडलिस्ट एल-एलबी. एम.ए. (हिन्दीसाहित्य) गोल्ड मेडलिस्ट पी-एच.डी. प्रकाशन दस व्यंग्य संग्रह दो व्यंग्य उपन्यास दस ग़ज़ल संग्रह एक कहानी संग्रह एक नवगीत संग्रह सहित ग़ज़ल विधा पर आठ आलोचनात्मक व चार अन्य पुस्तकें प्रकाशित सम्मान म.प्र.साहित्य अकादमी व म.प्र. उर्दू अकादमी सहित अनेक सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित पुरस्कृत उपलब्धियाँ आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से प्रसारण. आकाशवाणी द्वारा गायन हेतु ग़ज़लें चयनित देश-विदेश की उर्दू एवं हिन्दी की प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन.अनेक ग़ज़ल संग्रहों एवं ग़ज़ल विशेषांकों में प्रकाशित नई ग़ज़ल स्वरूप एवं संवेदना (शोध प्रबंध),ग़ज़ल विषयक विविध शोध ग्रंथों में उल्लेख नई ग़ज़ल और डॉ. महेन्द्र अग्रवाल शीर्षक से भवेश दिलशाद द्वारा लघु शोध प्रबन्ध हिन्दी ग़ज़ल परंपरा दुष्यन्त से अब तक (डॉ.महेन्द्र अग्रवाल के विशेष संदर्भ में) शीर्षक से पदुमलाल को शोध उपाधि महेन्द्र अग्रवाल के व्यंग्य साहित्य में सामाजिक सरोकार शीर्षक से जीवाजी विश्वविद्यालय में वंदना वर्मा को शोध उपाधि सक्रिय सेवायें सचिव - श्री रामकिशन सिंहल फाउंडेशन सम्पादक -नई ग़ज़ल (त्रैमासिकी) स्थायी पता बी.एम.के.मेडीकल स्टोर सदर बाजार शिवपुरी(म.प्र.) 473551 मोबाइल 9425766485 ई-मेल [email protected]

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