कुण्डली/छंद

कुण्डली

छूना, नाड़ा तोड़ना, इसे न कहिए रेप
योर ऑनर कहते हुए, तुम्हें न आई झेंप ?
तुम्हें न आई झेंप, दे रहे आप बढ़ावा
कसम तुम्हें बतलाओ, कितना चढ़ा चढ़ावा ?
कह सुरेश लगता है माल मिला है दूना
तुमने फ्री कर दिया कलमुंहे अब तो छूना

— सुरेश मिश्र

सुरेश मिश्र

हास्य कवि मो. 09869141831, 09619872154

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