भजन/भावगीत

महाकाल स्तुति (महेश नवमी विशेष)

जय जय जय महादेव शंभू देवाधिदेव शंकरा,
नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं देवाधिदेव दिगंबरा ।

प्रचंड हो अखंड हो दुष्टों के लिए मृत्युदंड हो,
काल हो महाकाल हो भूतनाथ विकराल हो,
सरल हो अविरल हो कंठ में रखे विष गरल हो,
विश्वेश्वर हो नागेश्वर हो उत्पत्ति कर्ता महेश्वर हो,
स्वयंभू तेज पुंज ज्योतिर्मय सर्वदेवात्मा प्रभाकरा,
नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं देवाधिदेव दिगंबरा ।

राजाधिराज हो योगीराज हो शंभू शिव महाराज हो,
जटाधारी हो त्रिनेत्रधारी हो भस्म रमाएं ऊॅंकारी हो,
निशाचर हो प्रलयंकर हो इस सृष्टि के सूत्र कार हो,
नंदीश्वर हो सर्वेश्वर हो पालनकर्ता पिता परमेश्वर हो,
सोम तीर्थंरूप पारिजात ऐश्वर्यकारक अचलेश्वरा,
नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं देवाधिदेव दिगंबरा ।

मेरे आराध्य हो भक्ति साध्य हो श्रद्धा के बाध्य हो,
दीनानाथ हो लोकनाथ हो भक्तों के प्यारे नाथ हो,
वाचस्पति हो उमापति हो शिवशंकर जगतपति हो,
ममलेश्वर हो रामेश्वर हो रक्षक दुखहर्ता जगदीश्वर हो,
तारक उद्धारक अजर अमर प्रभंजन कल्याणकरा,
नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं देवाधिदेव दिगंबरा ।

कैलाशवासी हो अविनाशी हो “आनंद” सुख राशि हो,
औघड़दानी हो महादानी हो देव अमृत वरदानी हो,
विश्वनाथ हो अमरनाथ हो रोग निवारक वैद्यनाथ हो,
कपालेश्वर हो दक्षिणेश्वर हो संहारकर्ता महाकालेश्वर हो ।
दिव्यायुध पिनाकी भस्मशायी रूद्राक्ष रूद्र भयंकरा,
नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं देवाधिदेव दिगंबरा ।

जय जय जय महादेव शंभू देवाधिदेव शंकरा,
नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं देवाधिदेव दिगंबरा ।

— मोनिका डागा “आनंद”

मोनिका डागा 'आनंद'

चेन्नई, तमिलनाडु

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