कविता

कविता

अचानक मेरा दिल मर गया
मेरा मन मर गया 
और मेरा पूरा जीवन भी
मैं एक रेगिस्तान हुआ और हुआ
गज़ब और गड़बड़ हुआ
मगर एक क्षण में मैंने
लौट उठा
मैं नहीं जानता हूँ वह क्यों
लेकिन सोचता हूँ कि 
आगे जो चीज़ होगी
वह अच्छा ही होगा
— एस. अमन्दा सरत्चन्द्र

एस. अमन्दा सरत्चन्द्र

श्री लंका

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