कविता

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस – २०२५

सिर्फ एक दिन नही हर दिन हम
विश्व योग दिवस मनाएंगे
तन को बनाकर स्वस्थ व निरोगी
खुद का कायाकल्प कर जाएंगे।।

समय की चुनौती है सबके साथ
जारी रखना है हास-परिहास
कोई भी बहाना बिना बनाए
योग की गंगा घर-घर बहाएंगे।।

दोस्ती-यारी का बड़ा महत्व है
अच्छा दोस्त मतलब, सर्वस्व है
रोज थोड़ी देर साथ वक्त बिताकर
हंसी ठहाकों से आनंद बरसाएंगे।

योग हमें अनुशासन सिखाता
आत्मिक शक्ति से परिचय कराता
धीरे-धीरे हम खुद को बदलकर
परिवर्तन की अलख जगाएंगे।।

नित दिन थोड़ा प्राणायाम करेंगे
आसन और व्यायाम करेंगे
ध्यान और साधना के माध्यम से
सुविचारों का संसार बसाएंगे।।

प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया है
शुद्ध पवन से मालामाल किया है
इनका संरक्षण हमारी जिम्मेदारी
कर्तव्य पथ का बोध करायेंगे।।

बहुत सी बीमारियां दूर हो जाएंगी
दवाइयों से निजात मिल जाएगी
सकारात्मक सोच के माध्यम से
अन्तःकरण को निर्मल बनाएंगे।।

चहुंओर फैलेगी फिर खुशहाली
दूर हो जाएगी तमाम बदहाली
योग का जादू कुछ ऐसा चढ़ेगा
मन में संतुष्टि के भाव भर जाएंगे।

विश्व को योग हमने ही सिखाया
प्रभु से मिलन का रास्ता बताया
हम भी इसको आत्मसात करके
उर में आनंद ही आनंद भर जाएंगे

सिर्फ एक दिन नही हर दिन हम
विश्व योग दिवस मनाएंगे।।

— नवल अग्रवाल

*नवल किशोर अग्रवाल

इलाहाबाद बैंक से अवकाश प्राप्त पलावा, मुम्बई

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