आयी रिमझिम बौछारें
रिमझिम बौछारों का आना,
सावन का सुरमई तराना।
मौसम अलबेला सुहाना,
पिया संग प्रीत गुनगुनाना।।
बरसी छमछम बूंदें, मोती मनहर,
धरा-गगन उल्लसित हैं मंजर,
झरते दुधिया झरने झर-झर-झर,
पुष्प गलीचा रंगबिरंगा सुंदर।।
सृष्टि शृंगार हरियाला मखमली,
कण-कण में सुरभि, बगिया खिली,
पंखुड़ियां पवन संग खूब हर्षायी,
भ्रमर गुनगुन सुन तितली शरमायी।।
पंछी कलरव मधुर मनभावन,
पात पर दमके ओस बूंदे पावन,
झूम-झूम बलखाता आया सावन,
बौछारों में भीगा-भीगा तन-मन।।