खुशियां
खुशियां हर तरफ़ बिखरी पड़ी है और तुझको अब भी ग़म हो रहा है हैं तेरे हंसने के ये दिन
Read Moreरामू-कल की मजदूरी बाक़ी है कल मैं आपसे मांगना भूल गया था। मां का इलाज करना है।साहिब दे दो ना मेरी
Read Moreराजेश-तुम्हे पता है मोहन तुममें एक विशेष गुण है। जिससे तुम्हारा नाम पूरे मोहल्ले में छाया हुआ है मोहन-नही मुझे
Read Moreरामू – पिता जी मोहन दिख नहीं रहा है क्या वो इस बार होली खेलने नहीं आएगा। पिता जी- बेटे
Read Moreबाबू जी दिए खरीद लो ना सुबह से एक दिया भी नहीं बिका मां ने कहां था शाम को जब
Read More“तुम कोई न कोई सवाल पूछते रहते हो, आज ऐसा करो किसी और को सवाल पूछने दो। तुम्हारे अलावा भी पूछने
Read More