लघुकथा – मोलभाव
राधा अपने बेटे के साथ डॉक्टर के पास जाने के रिक्शे की तलाश में सड़क के किनारे खड़ी थी.एक भी
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Read Moreपितृपक्ष आते ही देवकी चिंतित हो जाती क्योंकि उसे महेश बाबू यानि अपने पति के श्राद्ध की चिंता सताने लगती।
Read Moreकौन कहता है, हाथों की लकीरों पर सब कुछ लिखा होता है। रिक्त होती है हाथ की लकीर किसी नई
Read Moreकौन कहता है कि सब कुछ लिखा होता है हाथों की लकीरों पर। रिक्त होती है हाथों की सभी लकीरें
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