मौत का भय
युद्ध के दौरान भारतीय छात्रों के वतन वापसी का सिलसिला जारी था । दीनानाथ जी भी बेसब्री से उस घड़ी
Read Moreजब से नेहा का दाखिला इंजीनियरिंग इन्स्टीट्यूट ऑफ़ माइन्स में हुआ था , उसकी माँ के आँखों से नींद उड़
Read Moreरजनी कोचिंग इन्सटीट्यूट से रोती बिलखती घर आकर चुपचाप खुद को अपने कमरे में बंद कर ली थी । वह
Read Moreजब से कामिनी का फोन आया था कि मैं सबकुछ छोड़कर तेरे पास आ रही हूँ, उसके मन में हलचल
Read Moreनिधि का कितना मन था अपनी सहेलियों के साथ पिकनिक पर जाने का । लेकिन हर बार की तरह इस
Read Moreसम्पूर्ण विश्व कुरुक्षेत्र बना हुआ है, युद्ध करते साल भर से अधिक व्यतीत हो चुके हैं । चहुंओर त्राहिमाम त्राहिमाम
Read More“माँssss…क्या मुझे भी तेरे जैसा ही बचपन मिलेगा ? क्या मुझे भी सीढ़ियों पर भूखे-प्यासे तेरे इंतजार में सोना पड़ेगा
Read Moreगोपाल के मन में बृज की होली देखने की इच्छा हुई । वह व्यग्र और विह्वल से धरा की ओर
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